top header advertisement
Home - उज्जैन << प्रत्येक गतिविधि के पृथक-पृथक अंकों के आधार पर बनेंगी नगरीय निकायों की रैंकिंग

प्रत्येक गतिविधि के पृथक-पृथक अंकों के आधार पर बनेंगी नगरीय निकायों की रैंकिंग


उज्जैन @ स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 जारी है। नगरीय निकायों को रैंकिंग के लिये  प्रत्येक गतिविधि के पृथक-पृथक अंक दिये जायेंगे। सर्वेक्षण विस्तृत रूप से किया जा रहा है। वर्ष 2017 के कार्यों के आधार पर नगरीय निकायों को 2018 में भारत सरकार द्वारा रैंकिंग मिलेगी। यह जानकारी मंगलवार को आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 पर आयोजित कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला सिंहस्थ मेला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। इस अवसर पर महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, संयुक्त संचालक शहरी विकास अभिकरण श्री सोमनाथ झारिया, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण श्री भविष्य खोबरागड़े, नागदा नगर पालिका अध्यक्ष तथा खाचरौद नगर पालिका उपाध्यक्ष के अलावा जिले के नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के मुख्य अधिकारी उपस्थित थे।

       कार्यशाला में राज्य स्तरीय कंसल्टेंट श्री योगेश जाधव ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के विभिन्न घटकों तथा नगरीय निकायों को जिन कार्यों एवं गतिविधियों के आधार पर अंक मिलना है, उनकी विस्तृत जानकारी अपने प्रजेंटेशन में दी। बताया गया कि सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर राष्ट्रीय स्तर पर श्रेणीबद्ध किये जायेंगे। एक लाख से कम आबादी वाले शहर झोनल स्तर पर श्रेणीबद्ध रहेंगे। उज्जैन संभाग पश्चिम झोन में आता है। इस झोन की अभी अखिल भारतीय स्तर पर रैंकिंग 112वे नम्बर पर है। स्वच्छ सर्वेक्षण में इस वर्ष कुल चार हजार अंक निर्धारित किये गये हैं। ये अंक सेवा स्तर विकास, प्रत्यक्ष अवलोकन तथा नागरिक प्रतिक्रियाओं के आधार पर दिये जायेंगे। विभिन्न कार्यों के तहत संग्रहण, परिवहन, निष्पादन व प्रसंस्करण, खुले में शौच से मुक्ति, क्षमता वृद्धि, आईईसी तथा नवाचार परियोजना कार्यों का सम्पादन अंक प्राप्ति का प्रमुख आधार बनेगा।

       बताया गया कि इस वर्ष नगरीय निकायों को रैंकिंग के लिये मिलने वाले अंकों में पूर्व निर्मित शौचालयों के साथ जलापूर्ति, अपशिष्ट जल प्रबंधन, सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव, उनके उपयोग शुल्क, विज्ञापन, अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों से प्राप्त आय जैसे कार्य जोड़े जायेंगे। पूर्व निर्मित कार्यों की संवहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) महत्वपूर्ण मानी गई है। अंक प्राप्ति का यह महत्वपूर्ण आधार होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परिचालन लागत नगरीय निकाय के राजस्व स्त्रोतों से, स्त्रोत स्तर पर ही कचरे का पृथक्कीकरण, ठोस कचरा उत्पादकों द्वारा विकेन्द्रित कम्पोस्टिंग को भी महत्वपूर्ण माना गया है। सर्वेक्षण-2018 में उपयोग शुल्क के संग्रहण का प्रतिशत जैविक खाद का उत्पादन व बिक्री, बायोमैट्रिक उपस्थिति व्यवस्था का वेतन पत्रक से सम्बद्ध, वाहन चालकों ठेकेदारों के भुगतान उनके कार्य निष्पादन के अनुरूप करने व स्वतंत्र एजेन्सी का भुगतान रियल टाईम फीडबैक के आधार पर करने को अहम माना जायेगा। इस सर्वेक्षण में नागरिक प्रतिक्रिया भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहेगी।

       नागरिकों की प्रतिक्रिया नगरीय निकाय को रैंकिंग के लिये अंक दिलाने में महत्वपूर्ण रहेगी। नागरिक प्रतिक्रिया लेने के लिये जो पुष्ट व्यवस्था रहेगी, उसके तहत नागरिकों को की जाने वाली फोन कॉल्स को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। केन्द्रित समूह चर्चा, व्यक्तिगत फीडबैक, स्वच्छता एप का उपयोग भी इस व्यवस्था के तहत महत्वपूर्ण माना गया है। रैंकिंग हेतु अंकों के वर्गीकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि कुल चार हजार रैंकिंग अंकों में से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत गीले और सूखे कचरे को पृथक करने के लिये 48 अंक, जैविक कचरे की स्थलीय कम्पोस्टिंग करने वाले निवासी, रहवासी कल्याण संघों व थोक कचरा उत्पादकों के प्रतिशत के लिये 48 अंक, व्यावसायिक क्षेत्रों का प्रतिशत जहां प्रतिदिन सफाई होती है झाड़ू लगती है के लिये 34 अंक, घर-घर से कचरा संग्रहण व्यवस्था के तहत आने वाले वार्डों का प्रतिशत 32 अंक, एक ही कार्य दिवस में निष्पादन हेतु प्रसंस्करण इकाई में भेजे जाने वाले संग्रहित कचरे के लिये 32 अंक, कचरा संग्रहण स्थलों के लिये 32 अंक, जीपीएस आधारित वाहन संचालन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले चालकों के सम्मान के लिये 30 अंक मिलेंगे।

       निकायों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत संग्रहण एवं परिवहन में मिलने वाले अंकों के अन्य घटक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इनमें व्यावसायिक क्षेत्रों में हरेक 500 मीटर पर नियमित रूप से खाली किये जाने वाले दो सार्वजनिक कूड़ेदानों की उपलब्धता, बायोमैट्रिक उपस्थिति, स्थल अर्थदण्ड, शासकीय या सार्वजनिक विभागों द्वारा अनुरक्षित तथा उद्यान के कचरे से स्थलीय कम्पोस्टिंग करने वाले उद्यान, ठोस अपशिष्ट कार्य करने वाले स्वच्छताकर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान तथा उनका नियमित उपयोग भी निकाय को रैंकिंग के अंक दिलायेगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की लागत का कितना प्रतिशत सम्पत्ति कर तथा उपयोग शुल्क से वसूला जा रहा है, निकाय को 60 अंक दिलायेगा। इतने ही अंक शहर में स्थापित लैण्डफिल्ड की स्वच्छता दिलवायेगी। प्रसंस्करण के माध्यम से उपचारित होने वाले गीले तथा सूखे कचरे का प्रतिशत भी 50-50 अंक दिलवायेगा। लैण्डफिल तक आने वाले जैविक कचरे का प्रतिशत 40 अंक, डम्प साइट उपचार के लिये उठाये गये कदम, उनकी वर्तमान स्थिति 40 अंक, कम्पोस्ट उत्पादक द्वारा पोर्टल पर जारी 2017 के अन्तिम दो त्रैमास में दर्शाई गई कम्पोस्ट की बिक्री 30 अंक तथा शहर के लिये नामित कम्पोस्ट उत्पादक का पोर्टल पर पंजीकरण, उसके द्वारा उत्पादन सम्बन्धी जानकारी नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट करने के लिये 20 अंक मिलेंगे।

       इसके अलावा ओडीएफ के तहत खुले में शौचमुक्त की स्थिति, सार्वजनिक शौचालयों के संचालन संधारण लागत के कितने प्रतिशत की प्रतिपूर्ति, शौचालय भूमि या भवन के व्यावसायिक प्रयोग से अर्जित राजस्व से होती है, क्या सेप्टिक टैंक खाली करने वाले ऑपरेटर पंजीकृत हैं, उनकी निगरानी की जा रही है, क्या निकाय में तरल अपशिष्ट प्रसंस्करण हेतु ढांचागत सुविधा उपलब्ध है, सत्यापित आवेदनों में से कितने प्रतिशत शौचालयों का निर्माण हुआ है, निर्मित हुए कितने शौचालयों में जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध हैं आदि जानकारी भी अंक दिलवायेगी।

Leave a reply