top header advertisement
Home - राष्ट्रीय << असम की चुनावी रैली के बाद अपने विमान में पीएम मोदी ने देखा राम लला का सूर्य तिलक, भावुक हुए

असम की चुनावी रैली के बाद अपने विमान में पीएम मोदी ने देखा राम लला का सूर्य तिलक, भावुक हुए


नलबाड़ी (असम)। जिस समय अयोध्या में राम लला का सूर्य तिलक हो रहा था, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के नलबाड़ी में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। रैली खत्म करने के बाद पीएम मोदी अपने विमान में आए और सूर्य तिलक का वीडियो देखा। पीएम ने अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी।

नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा, 'नलबाड़ी रैली के बाद मैंने राम लला पर सूर्य तिलक देखा। करोड़ों भारतीयों की तरह, यह मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। अयोध्या में भव्य राम नवमी ऐतिहासिक है। यह सूर्य तिलक हमारे लिए ऊर्जा लेकर आए। साथ ही हमारे राष्ट्र को गौरव की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करे।'

पीएम मोदी ने दी रामनवमी का शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रामनवमी की बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने एक्स हेंडल पर लिखा, देशभर के मेरे परिवारजनों को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी की अनंत शुभकामनाएं! इस पावन अवसर पर मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है। ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने कोटि-कोटि देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना। अवधपुरी के उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में स्पंदित होती हैं।

यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है।

प्रभु श्रीराम भारतीय जनमानस के रोम-रोम में रचे-बसे हैं, अंतर्मन में समाहित हैं। भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।

Leave a reply