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सरकार ने प्याज खरीदकर हमें जो ताकत दी उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकते


 

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह साबित किया है कि वे वास्तव में किसान
के बेटे हैं। प्याज की गिरती कीमतों और उसके खराब होने का डर हमें सता रहा था। ऐसे समय में मुख्यमंत्री
हमारे संकटमोचक साबित हुए हैं। इस मुश्किल घड़ी में समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदकर सरकार ने हम किसानों
को जो ताकत दी है, उसको हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते। जिले के इंगोरिया के किसान सत्यनारायण
चौधरी सहित जिले के कई किसानों का यह कहना है। उज्जैन जिले में राज्य शासन द्वारा 23 हजार 487
किसानों से समर्थन मूल्य पर 13 लाख 59 हजार 654 क्विंटल प्याज की खरीदी की जाकर किसानों को एक
नई ताकत दी। उनके मुरझाये चेहरों पर मुस्कुराहट लाई।
जिले में प्याज खरीदी ऐसे समय में की गई, जब किसान बहुत परेशान था। उसको बाजार में मात्र 4 से
6 रूपये किलो का भाव मिल रहा था। बीती 7 जुलाई तक किसानों से 69 करोड़ रूपये का प्याज सरकार द्वारा
खरीदा गया। प्याज की खरीदी 6 जून से शुरू की गई, जो 30 जून तक चलती रही। इसके बाद इसे 7 जुलाई
तक और बढ़ाया गया। नागदा और महिदपुर मंडियों को छोड़कर शेष मंडियों में 7 जुलाई तक प्याज खरीदा गया।
इस दौरान कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर कोटवार तक चौबीस घंटे सरकारी अमला जी-जान से किसान हित में
प्याज खरीदी के लिये जुट गया। राजस्व, पंचायत, मार्कफेड, खाद्य विभाग, उद्यानिकी जैसे कई विभाग किसानों
के लिये प्याज खरीदी को अंजाम देने में लगे थे। अमला बस यह सुनिश्चित करने में लगा था कि किसान की
एक-एक प्याज खरीद ली जाये।
जिले की मंडियों में प्याज बेचने आये किसानों के लिये फिक्र की जाकर कई व्यवस्थाएं की गई थी। कई
मंडियों में 5 रूपये प्रति थाली भोजन की व्यवस्था भी की गई। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे सुबह शाम न केवल
प्याज खरीदी की प्रतिदिन समीक्षा कर रहे थे, अपितु रात के 12 बजे तक जिले की नरवर तथा अन्य स्थानों पर
पहुंचकर भण्डारण केन्द्रों पर उसके सुरक्षित भण्डारण की भी व्यवस्था कर रहे थे। यह ऐसा समय था जब
मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार शासकीय अमले ने न दिन देखा न रात। किसान की संतुष्टि में ही इस अमले की
संतुष्टि थी। इंगोरिया के किसान सत्यनारायण चौधरी का कहना था कि उनके द्वारा 5.5 बीघा में उत्पादित
लगभग पौने 400 क्विंटल प्याज को मार्केट में खपाने की समस्या थी। बाजार औने-पौने दाम में उनका प्याज ले
रहा था। ऐसे में अगर शासन प्याज नहीं खरीदता तो यह जीवन-मरण की स्थिति निर्मित हो रही थी। उन्होंने
लगभग 03 लाख रूपये का प्याज बेचा। राशि भी 10 से 15 दिनों में उनके खाते में आ गई। तराना तहसील के
ताजपुर निवासी रामकरण द्वारा 186 क्विंटल प्याज समर्थन मूल्य पर बेचा गया। इसी तहसील के कपेली गांव
के किसान रामबाबू ने 600 क्विंटल प्याज समर्थन मूल्य पर विक्रय किया। उनके भाई रामेश्वर पाटीदार ने अपना
250 क्विंटल प्याज बेचा। हरसोदन गांव के सूरजसिंह, महिदपुर रोड के वासुदेव शर्मा, महिदपुर के बिलखेड़ा गांव
के नरेन्द्रसिंह-कालूसिंह आंजना, माकड़ोन के मणिशंकर, सामगी के सत्यनारायण जैसे जिले के सैकड़ों किसान हैं,
जिनको शासन द्वारा की गई समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी ने एक नई ताकत दी है।
उज्जैन मंडी में समर्थन मूल्य पर 6 हजार से ज्यादा किसानों ने 3 लाख 33 हजार 118 क्विंटल प्याज
बेचा। तराना मंडी में साढ़े 3 हजार से ज्यादा किसानों से 02 लाख 51 हजार 442 क्विंटल प्याज खरीदा गया।
बड़नगर में साढ़े 05 हजार किसानों से 03 लाख 34 हजार 150 क्विंटल प्याज खरीदा गया। महिदपुर में 1628
किसानों से 70 हजार 508 क्विंटल प्याज, खाचरौद में 2157 किसानों से 01 लाख 23 हजार 670 क्विंटल,नागदा में 972 किसानों से 50 हजार 745 क्विंटल, उन्हेल में 1186 किसानों से 71 हजार 798 क्विंटल तथाघट्टिया मंडी में 2037 किसानों से 122220 क्विंटल प्याज खरीदा गया।

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