अज्ञात मैं अछूत हूँ, मंदिर में आने का मुझको अधिकार नहीं है। किंतु देवता यह न समझना, तुम पर मेरा प्यार नहीं है॥ प्यार असीम, अमिट है, फिर भी पास...
काव्य रचना
मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे
दुष्यंत कुमार मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे इस बूढे पीपल की छाया में सुस्ताने आयेंगे हौले-हौले पाँव हिलाओ...
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
हरिवंश राय 'बच्चन' लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती...
मुक्ति की आकांक्षा
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना चिडि़या को लाख समझाओ कि पिंजड़े के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहाँ हवा में उन्हेंर अपने जिस्मब की गंध...
एक आशीर्वाद
दुष्यंत कुमार जा तेरे स्वप्न बड़े हों। भावना की गोद से उतर कर जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें। चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये रूठना मचलना...
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं..
गोपालदास 'नीरज' मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं तुम मत मेरी मंजिल आसान करो.. हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते.. मरुस्थल, पहाड चलने...
मिट गया जब मिटने वाला
मिट गया जब मिटने वाला फिर सलाम आया तो क्या ! दिल की बर्वादी के बाद उनका पयाम आया तो क्या ! मिट गईं जब सब उम्मीदें मिट गए जब सब ख़याल...
मेरा देश जल रहा, कोई नहीं बुझानेवाला
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ मेरा देश जल रहा, कोई नहीं बुझानेवाला - शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ घर-आंगन में आग लग रही।...