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डेम टूटने से गन्दा पानी शिप्रा में मिला


उज्जैन शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर पर कान्ह नदी के पानी को रोकने के लिए बना स्टाप डेम शुक्रवार को टूट गया। जिससे इंदौर की और से आने वाला दूषित पानी शिप्रा नदी में मिल गया। दो दिन पहले ही रामघाट पर सीवरेज का पानी मिलने से कांग्रेस विधायक ने गंदे पानी में बैठकर आक्रोश जताया था।

उज्जैन की शिप्रा नदी एक बार मैली हो गई। करोडो रुपए की योजना बनाने के बाद भी शिप्रा को निर्मल बनाने के काम पूर्ण नहीं हो पा रहा है। लाख कोशिश के बाद भी कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी को गन्दा कर रहा है। शुक्रवार को त्रिवेणी घाट पर कान्ह नदी के गंदे पानी को रोकने के लिए बने डेम के टूटने की खबर के बाद कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी,रवि राय ,सोनू शर्मा, सुरेंद्र मरमट त्रिवेणी घाट पहुंचे और उन्होंने स्थिति देखकर प्रशासन पर शिप्रा को बचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। डेम टूटने से बड़ी मात्रा में कान्ह नदी का गन्दा पानी शिप्रा नदी में मिलने लगा। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि डेम टुटा नहीं है ओवर फ्लो होने की वजह से पानी निकालने के लिए तोडा है। स्नान पर्व को देखते हुए उसे फिर से बना देंगे।

सीएम निर्देशित कर चुके है फिर भी ये हाल है -

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का सीवेज युक्त पानी कान्ह नदी के रूप में उज्जैन आकर शिप्रा में मिलता है। ये मिलन रोकने को शासन, प्रशासन ने बीते दो दशक में कई योजना बनाई, अरबों रुपये खर्च किए मगर सुधार न हुआ। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव पिछली बैठकों में कई बार अफसरों को निर्देशित कर चुके हैं कि उज्जैन में शिप्रा के जल की शुद्धि और सिंहस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित कार्य योजना बनाएं। शिप्रा में नालों का गंदा पानी मिलने से रोके, नदी के पानी को आचमन एवं पीने योग्य बनाएं।

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