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सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सहमति से लिखकर चिन्हित करने पर दण्डनीय होगा


शासकीय, सार्वजनिक, सामुदायिक भवन, सम्पत्ति, बिजली के पोल अथवा भूमि पर किसी भी प्रकार
का राजनैतिक प्रचार-प्रसार प्रतिबंधित रहेगा। केवल निजी भवनों पर केवल भवन स्वामी की लिखित अनुज्ञा

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एवं सम्बन्धित प्रत्याशी/दल की लिखित सहमति से ही प्रचार किया जाना संभव होगा, किन्तु ऐसी स्थिति
में निजी सम्पत्ति का मालिक अथवा प्रत्याशी या दल द्वारा नगरीय निकायों को निर्धारित राशि जमा
कराना अनिवार्य होगा। इस सम्बन्ध में सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के प्रावधान में उल्लेखित है कि जिसके
अनुसार कोई भी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाले किसी
सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसके विरूपित
करेगा, वह जुर्माना से दण्डनीय होगा। इसी प्रकार प्रत्याशी/दल की बिना सहमति के यदि भवन
स्वामी/उपभोगकर्ता/किरायेदार द्वारा भवन पर राजनैतिक प्रचार-प्रसार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में
आईपीसी की धारा के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
उक्त आदेश उज्जैन जिले के सम्पूर्ण नगरीय निकायों पर प्रभावशील होगा। सभी राजनैतिक दल
यदि प्रत्याशी के द्वारा किसी भवन पर किये गये प्रचार-प्रसार की जानकारी मय भवन स्वामी की लिखित
सहमति के साथ तीन दिवस में आरओ को जानकारी निर्धारित पत्रक में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये एवं अनुमति हेतु आवेदन प्राप्त वैध स्थानों पर सशुल्क अनुमति
जारी करने हेतु ऐसी व्यवस्था नियत करायें, जिससे आवेदकों को असुविधा एवं विलंब की स्थिति निर्मित
नहीं हो। प्रत्येक विज्ञापन सामग्री पर मुद्रक का नाम एवं सम्बन्धित नगरीय निकायों के द्वारा जारी की
गई अनुमति/आदेश, क्रमांक एवं आकार, दिनांक व अवधि अंकित की जाये। उक्त आदेश लोकसभा आम
निर्वाचन के लिये ही प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।

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