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चिंतामन गणेश मंदिर पर शाही जत्रा में उमड़े भक्त:


प्रसिद्ध श्री चिंतामन गणेश मंदिर पर चैत्र मास में प्रति बुधवार को भगवान चिंतामन गणेश की जत्रा आयोजित होती है। इसी के तहत 17 अप्रैल बुधवार रामनवमी पर अंतिम व शाही जत्रा का आयोजन हुआ। अनुमान है कि रात में मंदिर के पट बंद होने तक बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचेगें। समिति द्वारा मंदिर में श्रद्धालुओं की सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। गर्मी में भक्तों को शुद्ध व शीतल पेयजल के लिए शामियाने का इंतजाम भी किया गया है।

शहर के प्रसिद्ध भगवान श्री चिंतामन गणेश मंदिर में चैत्र मास के प्रथम बुधवार 27 मार्च से जत्रा का आयोजन शुरू हुआ था। रामनवमी पर्व पर चौथी व शाही जत्रा का आयोजन हुआ। बुधवार को सुबह 5 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान श्री गणेश का पंचामृत अभिषेक पूजन कर भगवान का पूर्ण स्वरूप में श्रृंगार किया गया। शाही जत्रा होने से सुबह से ही भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए पहुंच गए थे। मंदिर के प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि शाही जत्रा में उम्मीद है कि रात तक करीब 50 हजार भक्त दर्शन लाभ लेंगे।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने से मंदिर में जत्रा के दौरान होने वाले सांस्कृतिक आयोजन भी नही किए गए। पुजारी ईश्वर शर्मा ने बताया कि चैत्र मास की शाही जत्रा पर श्रद्धालु भगवान गणेश के समक्ष अपनी मनोकामना लेकर आते है। मान्यता है कि जत्रा के दौरान भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसी लिए चैत्र मास की जत्रा का महत्व होने से भक्त सुबह से ही दर्शन के लिए मंदिर पहुंचने लगते है। भगवान श्री चिंतामन गणेश की जत्रा को लेकर एक मान्यता यह भी है कि क्षेत्र में गेहूं, चने की फसल पक जाती है। किसानों के यहां धान के भंडार भर जाते हैं। किसान नया धान बाजार में बेचने से पहले भगवान चिंतामन गणेश के दरबार में चढ़ाने आते है।

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