उज्जैन के चिकली में कल रावण दहन
नवरात्र के बाद गुरुवार को रावण का दहन होगा। प्रदेश में ये प्रथा सिर्फ उज्जैन के ग्राम चिकली में मनाई जाती है। यहां पर रावण का मंदिर है और नवमी के अगले दिन रावण का दहन किया जाता है।
उज्जैन से 18 किमी दूर ग्राम चिकली में चैत्र की नवरात्र के दूसरे दिन रावण दहन की परंपरा है। प्रतिवर्ष गांव में मेले का आयोजन किया जाता है। गांव के सरपंच वीरेंद्र सिंह आंजना ने बताया कि पूरे प्रदेश में सिर्फ चिकली में रामनवमी के दूसरे दिन धूमधाम से रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें राम, लक्ष्मण, हनुमान जी बनकर गांव के कलाकार रावण से युद्ध करने रथ पर सवार होकर आते हैं।
करीब साठ वर्ष पहले ग्रामवासियों ने बाजार में रावण की पाषाण की स्थाई प्रतिमा बना दी है। अब हर साल रावण का निर्माण करने की आवश्यकता नहीं है। दशहरा पर रामजी द्वारा बाण चलाकर प्रतीक स्वरूप रावण का वध कर दिया जाता है। चौक बाजार में इसके ठीक सामने ही हनुमानजी का मंदिर है। रामनवमी उत्सव पर मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है। मेले पर सार्वजनिक समिति द्वारा रात्रि में ग्रामवासियों के मनोरंजन के लिए पिछले वर्षों में नौटंकी, तेजाजी की कथा और माच का आयोजन किया जाता था।