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फ्रांस सहित 7 देशों के राजदूत, प्रतिनिधि साझा करेंगे अपनी संस्कृति, पहले दिन 9 फिल्मों का होगा प्रदर्शन


महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ की अगुवाई में विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 अंतर्गत पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (आईएफएफएएस) का शुभारंभ 1 अप्रैल को किया जाएगा। 6 अप्रैल तक आयोजित इस महोत्सव में फ्रांस सहित 7 देशों के राजदूत व प्रतिनिधि अपनी संस्कृति को साझा करेंगे। उनकी फिल्मों का प्रदर्शन होगा। फिल्मों का प्रदर्शन प्रतिदिन त्रिवेणी संग्रहालय सभागार में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक किया जाएगा।

महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि पौराणिक फिल्मों पर केंद्रित इस महोत्सव में फ्रांस सहित सूरीनाम, लिसोथो, क्यूबा, वेनेजुएला, चाड एवं साइप्रस के राजदूत एवं प्रतिनिधि अपनी संस्कृति को हमारे साथ साझा करेंगे। छह दिवसीय महोत्सव में भारतीय फिल्मों सहित दक्षिण अमरीका, अफ्रीकी एवं यूरोपीय देशों की पौराणिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वैदिक ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति पर आधारित फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। निदेशक ने बताया कि फिल्‍म फेस्‍टीवल में 56 फिल्‍मों का प्रदर्शन किया जाएगा।

महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ की अगुवाई में विक्रमोत्सव 2024 अंतर्गत आयोजित अनादि पर्व (1 मार्च से 9 अप्रैल 2024 तक) के मंच पर पुरुषोत्तम तंवर एवं साथी, उज्जैन द्वारा मालवी भजनों की प्रस्तुति दी गई। उन्होंने सबसे पहले गुरु वंदना धन घड़ी धन भाग हमारा को प्रस्तुत किया। हीरालाल रा व्यापारी, छोड़ चला बंजारा ठठरी, छाप तिलक सब छिन्ही, मन मस्त हुआ फिर क्या बोले व अंत में मत बन जीवड़ा नींद का आलसी से दर्शकों का मन मोह लिया। मंच पर सह गायक के रूप में विजेंद्र सिंह कुरड़, बैनेसिंग सोलंकी थे। ढोलक पर देवीदास बैरागी, हारमोनियम पर रामप्रसाद परमार, ऑक्टोपैड पर दीपक गंधर्व ने संगत की। आज नृत्य प्रस्तुति : अनादि पर्व अंतर्गत शुक्रवार को हस्तशिल्प एवं लोकरंग मेला परिसर के मंच पर रेशुका देशपांडे एवं साथी, उज्जैन नृत्य प्रस्तुति देंगे।

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