अपनी ज़ुल्फों को सितारों के हवाले कर दो
अपनी ज़ुल्फों को सितारों के हवाले कर दो
शहर-ए-गुल बादा गुसारों के हवाले कर दो
तल्ख़ी-ए-होश हो या मस्ती-ए-इदराक-ए-जनूं
आज हर चीज़ बहारों के हवाले कर दो
मुझको यारो ना करो राह-नुमांओं के सपुर्द
मुझको तुम राह-गुज़ारों के हवाले कर दो
जागने वालों का तूफ़ां से कर दो रिश्ता
सोने वालों को किनारों के हवाले कर दो
मेरी तौबा का बजा है यही एजाज़ “अदम”
मेरा साग़र मेरे यारों के हवाले कर दो