कोन है तू? कोन है तू?
कोन है तू? कोन है तू?
कोई रोक सके ना जग में जिसको ऐसा बवाल है तू,
बस मुट्ठी भर मुसीबते है, महा प्रचंड महाकाल है तू,
अपने अन्दर को जान ले तू, तुझे उस अम्बर से जुड़ना है,
तुझे सबसे उपर उड़ना है, तुझे सबसे उपर उड़ना है।
दुनिया बोल रही पहाड़ जिसे, तेरे रास्ते में बस वो कंकड़ है,
भगवान तुझमे, अल्लाह तुझमे, तुझमे नानक शंकर है,
आंधी आये बारिश आये पर तुझे ना रास्ते से मुड़ना है,
तुझे सबसे उपर उड़ना है, तुझे सबसे उपर उड़ना है।
ये दुनिया वाले तुझे रोकेंगे, कभी काटेंगे कभी भोकेंगे,
पर तू इतिहास रचेगा तब, तुझे ये सलाम ठोकेंगे,
आये चाहे कितनी भी मुश्किलें, तुझे बस आगे बढ़ना है,
तुझे सबसे उपर उड़ना है, तुझे सबसे उपर उड़ना है।
गिरेगा तू, उठेगा तू, हाथ तेरे काले होंगे,
तेरे शरीर से रक्त बहेगा, पैरो में तेरे छाले होंगे,
ये किस्मत तुझे आजमाएगी, हर कदम पर तुझे गिराएगी,
ठोकर देकर हर तरह तुझे, तेरी औकात तुझे दिखाएगी…
तू टूट जाएगा, लडखडायेगा, हो सकता है पछतायेगा,
उस वक्त तुझे उस हालत में लौटने का ख्याल भी आएगा,
उस पल को एकपल थाम ले तू, उस सच्चे रब का नाम ले तू…
अगर उसने ये पथ बुना है तो, एक योद्धा तुझे चुना है तो,
उठ खड़ा हो और चलता जा, इतिहास एक नया रचता जा,
कर वादा और ये कसम उठा, अब मंजिल पर ही रुकना है,
तुझे सबसे ऊँचा उड़ना है, तुझे सबसे ऊँचा उड़ना है।