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कर्मो के फल को निश्चित भुगतना पड़ता है



उज्जैन। कर्मो के फल को निश्चित ही भुगतना पड़ता है। अतः अपनी कुटिल चालों
को बदलना पड़ेगा। ईष्या, तृष्णा, अनाधिकृत चाहत तीन प्रमुख पाप कर्म हैं,
इनसे बचने के लिए उपासना, साधना, आराधना का सहारा लिया जाना चाहिए।
यह उदगार कथा वाचक नंदकिशोर किशोर ने महाकाल वाणिज्य नीनाखेड़ा क्षेत्र
में चल रही प्रज्ञापुराण कथा के तृतीय दिवस की कथा सुनाते हुए व्यक्त
किए। आपने बताया कि अनाधिकृत चाहत ही बाली के मरण का कारण बना। प्रचार
प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार आज शनिवार की कथा में नकल
करने वाली दुनिया, बुद्धावतार का उत्तरार्ध प्रज्ञावतार की प्रारंभिक कथा
होगी।

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