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रोप-वे के​ 13 टावर के लिए सर्वे पूरा, 11 पर शासकीय और 2 पर निजी जमीन


रेलवे स्टेशन से श्री महाकालेश्वर मंदिर तक रोप-वे के लिए 13 टॉवर बनेंगे। इन टॉवर के लिए जमीन का सर्वे राजस्व विभाग की टीम ने पूरा कर लिया है। बताया जा रहा है कि13 पाइंट में से 11 जगह तो शासकीय और 2 स्थानों पर निजी भूमि आ रही है। ये रिपोर्ट एसडीएम के पास पहुंच चुकी है। उम्मीद हैं कि अब जल्द ही भूमि अधिग्रहण व आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। रोप-वे बनने से श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन से मंदिर तक आवागमन की सुविधा मिलेगी, वहीं प्रशासन को भीड़ प्रबंधन में भी मदद होगी।

रोप-वे का निर्माण ​सिंहस्थ 2028 की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि रोप-वे के लिए टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। जमीन अधिग्रहण को लेकर मामला अटका हुआ था लेकिन अब इस दिशा में भी कदम बढ़ गए हैं। तहसीलदार रूपाली जैन के मार्गदर्शन में राजस्व विभाग की टीम ने रोप-वे के लिए बनने वाले 13 टॉवर के लिए जमीन का सर्वे कर लिया है। तहसीलदार जैन ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट उन्होंने एसडीएम एलएन गर्ग को सौंप दी है। उम्मीद की जा रही है कि जमीन अधिग्रहण के बाद इसी वर्ष के अंत तक रोप-वे का कार्य शुरू हो जाएगा।

करीब दो वर्ष में रोप-वे बनकर तैयार होगा और श्रद्धालु इसका उपयोग कर सकेंगे। रोप-वे से प्रत्येक घंटे में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक चार हजार श्रद्धालु आवागमन कर सकेंगे। गौरतलब है कि श्री महाकाल लोक बनने के बाद से सामान्य दिनों में ही महाकालेश्वर दर्शन करने के लिए रोजाना औसतन दो से ढाई लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जबकि पर्व-त्योहार व विशेष अवसरों पर ये संख्या बढ़कर 5 से 10.50 लाख तक पहुंच रही है। ऐसे में शहर में भीड़ प्रबंधन व श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते रोप-वे की प्लानिंग की गई है। इसके लिए केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने 189 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे रखी है। रोप-वे के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए हाईब्रिड एन्यूटी मोड के तहत यह स्वीकृति दी है।

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