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चटपटे-करारे चुनावी चटखारे कीर्ति राणा(वरिष्ठ पत्रकार)


चटपटे-करारे चुनावी चटखारे 
कीर्ति राणा(वरिष्ठ पत्रकार) /89897 89896

किसका बेड़ा पार करेंगे रामजी….? 
देश को प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं।मोदी-योगी की धाक और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद इस बार भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी इस पर सब की निगाह है।विपक्ष को विश्वास है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी जैसे कारणों से जूझ रहे मतदाता उसका बेड़ा पार करेंगे। 
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 71, कांग्रेस को 2,सपा को 5 अन्य को 2 सीटें मिली थी। 
2019 के चुनाव में में भाजपा की सीटें घट कर 62, रह गई। कांग्रेस भी 2 से एक सीट पर आ गई।2014 में तो बसपा का खाता खुला ही नहीं था। लेकिन 2019 में उसे 10 सीटें मिल गई थीं।पिछली बार की तरह सपा को 05 सीटें और अन्य को 02 सीटें मिली थीं। 
इस चुनाव में बसपा ने किसी दल से समझौता नहीं किया है।वहीं इंडिया गठबंधन के बाद विपक्षी दलों को लग रहा है इस बार भाजपा को पिछली बार 62 के मुकाबले और कम सीटें मिलेंगी।दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व मान कर चल रहा है राम मंदिर निर्माण का फायदा यूपी में सीटें बढ़ने का कारण बनेगा और अन्य राज्यों में भी सीटें बढने के साथ ‘इस बार 400 पार’ का सपना हकीकत में बदल जाएगा। 

इतना छोटा सा इस्तीफा…..! 
सुरखी विधानसभा की पूर्व कांग्रेस विधायक पारुल साहू ने यकायक इस्तीफा  देकर कांग्रेस नेताओं को चौंका ! हाल के दिनों में इतना छोटा इस्तीफा लिखने का रिकार्ड भी बना लिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को पारुल साहू ने एक लाइन का इस्तीफा लिख भेजा है।पार्टी छोड़ने का कोई कारण लिखा  और न ही किसी पर आरोप लगाया लेकिन माना जा रहा है कि उनका अगला कदम भाजपा कार्यालय के लिए उठ सकता है। 

सबसे बड़ा रुपय्या
लोकसभा चुनाव में जयस भी चाहती थी चुनाव लड़ना लेकिन धन संकट ने मंसूबों पर पानी फेर दिया।जयस ने 2018 में कांग्रेस का समर्थन किया था तब मालवा निमाड़ की 22 में से 17 सीटें कांग्रेस को मिली थी।पिछले चुनाव में जयस ने 18 प्रत्याशी खड़े किए थे, उसके तो सब नहीं जीते लेकिन कांग्रेस को 17 में से 12 सीटें मिली, 5 सीटों का नुकसान रहा।जय युवा आदिवासी संगठन ने इस बार धार, रतलाम-झाबुआ, खरगोन, बड़वानी लोकसभा सीट पर लड़ने का मन बनाया था। निर्वाचन आयोग ने भले ही खर्च सीमा तय कर रखी हो लेकिन बेपनाह खर्च की हकीकत को समझने वाले जयस की आर्थिक स्थिति ऐसी भी नहीं है कि चार छोड़ एक सीट पर भी चुनाव लड़ सके।


दस लाख से लीड का सपना चूर चूर 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की दिली तमन्ना थी कि खजुराहो सीट से कम से कम दस लाख मतों से जीत कर देश में सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकार्ड दर्ज करें।लेकिन विपक्ष की एकजुटता ने उनकी इस अकल्पनीय जीत का सपना चूर चूर हो गया है। सपा की मीरा यादव का नामांकन जिन भी परिस्थितियों में निरस्त हुआ, उसके बाद से वीडी भाई साब के समर्थक मान रहे थे बाकी 14  प्रत्याशियों में भी सेंध लगा देंगे लेकिन इंडी गठबंधन ने पूर्व आईएएस आरबी प्रजापति (ऑलइंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी) को समर्थन दे दिया।अन्य प्रत्याशी भी मैदान से पीछे नहीं हटे हैं।

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