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मौत के मुंह में समाए युवाओं को मिली नई जिंदगी



उज्जैन। गंभीर दुर्घटनाओं में घायल हुए दो युवकों को उज्जैन में ही
जीवनदान मिला। एक युवक का पैर कट चुका था और उसके सामने जीवन भर
विकलांगता नजर आ रही थी वहीं दूसरी ओर एक अन्य युवक अत्यधिक खून बह जाने,
लीवर फट जाने से मौत के मुंह में जाने को तैयार था लेकिन शहर के चिकित्सक
ने न सिर्फ उन्हें जीवनदान दिया बल्कि पहले जैसा ही जीवन जीने काबिल बना
दिया।
असलावदा के मोमीनपुरा निवासी रजाक उम्र 31 वर्ष का एक्सीडेंट में पांव कट
गया था। उसके पैर की सभी नसें व हड्डी टूट गई थी उसके परिजन उज्जैन के
नजी अस्पताल में ले गए जहां से उसे इंदौर रैफर कर दिया गया था। लेकिन
मरीज के परिजन उसे डॉ. उमेश जेठवानी के पास गुरूनानक हॉस्पिटल में लेकर
आए जहां डॉ. जेठवानी ने उसका माइक्रोवेस्कुलर रिकन्सट्रक्शन पध्दति से
पैर की खून तथा अन्य नसों को जोड़ दिया। यह ऑपरेशन सफल हुआ और रजाक का पैर
कटने से बचाया जा सका। वहीं सुसनेर के ग्राम छापुरिया निवासी लखन उम्र 24
वर्ष दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया उसे भी आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज
में दिखाया जहां से उसे इंदौर रैफर किया गया और बताया कि लखन की जान बचने
के उम्मीद कम है। परिजनों ने डॉ. जेठवानी को दिखाया उस समय लखन का
अत्यधिक खून बह चुका था और ब्लड प्रेशर भी कम हो गया था। रात में ही
इमरजेंसी में ऑपरेशन किया। लखन का तकरीबन 3.5 लीटर खून बह गया था। लीवर
फटा हुआ था। डॉ. जेठवानी ने ऑपरेशन कर लीवर तथा आंतों को रिपेयर किया। 3
घंटे चले ऑपरेशन में लखन को 6 यूनिट ब्लड लगाया गया और अंततः लखन अब
स्वस्थ है।

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