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सिंहस्थ प्रभारी मंत्री की शीघ्र नियुक्ति जरूरी गत सिंहस्थ के अनुभवी अधिकारियों की सेवाएँ लेने की आवश्यकता


 डाॅ. चन्दर सोनाने
        आस्था और विश्वास का महापर्व सिंहस्थ 22 अप्रेल से 21 मई तक 2016 में आयोजित होने जा रहा है। सिंहस्थ के लिए केवल 8 माह का समय शेष बचा है। उज्जैन के प्रभारी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय के द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के कारण त्यागपत्र दिए जाने को एक माह से अधिक समय हो गया है, किंतु अभी तक नए प्रभारी मत्री की नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा नही की गई हैं।
            प्रशासकीय स्तर पर सिंहस्थ की तैयारी विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही है। हाल ही में पुलिस महानिदेशक श्री सुरेन्द सिंह ने उज्जैन में मेला क्षेत्र का भ्रमण कर निरीक्षण किया और समीक्षा बैठक में पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य की धीमी गति पर असंतोष भी प्रकट किया। यही हाल कमोवेश अन्य विभागो का भी हैं। संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तौर और कलेक्टर श्री  कवीन्द्र कियावत  भी निरंतर भ्रमण कर तथा बैठकें कर निर्माण कार्यो की  समीक्षा कर रहे हैं। उनके द्वारा भी विशेषकर निर्माण विभागों के कार्यो की धीमी गति पर अप्रसन्नता व्यक्त की गई है।
            ऐसी स्थिति में जब प्रशासनिक स्तर पर की जा रही समीक्षाओं में कार्य की धीमी गति स्पष्ट परिलक्षित हो रही हैं। ऐसी स्थिति में उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री की अभी तक नियुक्ति नही होना दुःखद हैं। प्रभारी मंत्री न केवल प्रशासनिक कार्यो में कसावट ला सकते हैं, अपितु विभिन्न अखाडों, साधु संतों के बीच समन्वय स्थापित करने मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
             गत 2004 में आयोजित सिंहस्थ के समय विभिन्न 13 अखाडों के बीच समन्वय स्थापित नही हो पाया था। इस कारण 2 अखाडों को सिंहस्थ के स्नान से वंचित होना पड़ा था । इसके साथ ही यह भी उल्लेखनीय हैं कि तत्कालिक कलेक्टर डाॅ. राजेश राजोरा को एक संत ने मुँह पर कीचड़ लगा कर अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर दी थी। ऐसी स्थिति एवं परिस्थिति फिर से उत्पन्न नही हो, इसके लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता हैं।और यह कार्य प्रभारी मंत्री ही कर सकते हैं । इसके साथ ही वे विभिन्न अखाड़ो के बीच निरंतर एवं जीवंत संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
             पिछले सिंहस्थ 2004 में जिन्होंने अच्छी सेवा दी उन्हें उज्जैन में पदस्थ करने की शासकीय स्तर पर पहल आरंभ हो गई हैं। यह शुभ लक्षण हैं । सबसे पहले पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ किए गए श्री एम.एल.वर्मा का नाम लिया जा सकता हैं, जों सिंहस्थ 2004 में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। पिछले सिंहस्थ में पदस्थ रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाॅ. रमन सिंह सिकरवार वर्तमान में भोपाल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। वे एक सुलझे एवं अनुभवी पुलिस अधिकारी हैं। उनकी उज्जैन में पदस्थापना निःसंदेह उपयोगी हो सकती हैं।इसी प्रकार श्री राजेश हिंगणकर गत सिंहस्थ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ थे। उन्होनें भी उस समय अपनी सराहनीय सेवा सिंहस्थ में दी । ये वर्तमान में धार में पुलिस अध्ीाक्षक के रूप में पदस्थ हैं। उनकी सेवाओं का भी उपयोग
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 किया जा सकता हैं।                                                                                                          
              इसी प्रकार गत सिंहस्थ में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में पदस्थ श्री सबरजीत सिंह के कुशल मार्गदर्शन में सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन बखूबी से हुआ था। उन्हें इस सिंहस्थ में भी सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पदस्थ करने का समय आ गया हैं।पिछले सिंहस्थ में पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ श्री उपेन्द्र जैन वर्तमान में खेल संचालक के पद पर भोपाल में  पदस्थ हैं ।उनके अनुभवों का भी बेहतरीन उपयोग इस सिंहस्थ में किया जा सकता हैं।
             सन् 2004 के सिंहस्थ में कलेक्टर के रूप में करीब चार माह पूर्व ही नियुक्त किए गए डाॅ. राजेश राजोरा ने दिन -रात एक कर सिंहस्थ को सफल बनाने में अपनी पूरी शक्ति झोंक दी थी । उनके अनुभवों का भी लाभ इस सिंहस्थ में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
             गत सिंहस्थ में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर श्री संतोष वर्मा और श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी का हाल ही में अपर कलेक्टर के रूप में उज्जैन में पदस्थी इस बात के लिए आश्वस्त करती हैं कि राज्यशासन गत सिंहस्थ के अनुभवी लोगांे को इस सिंहस्थ में लाकर उनके अनुभवों का लाभ लेना चाहती हैं। गत सिंहस्थ में पदस्थ तहसीलदार श्री अनिल पटवा मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे के जानकार हैं। उनकी भी उज्जेन में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदस्थापना आश्वस्त करती हैं। यहाँ गत सिंहस्थ में सिटी मजिस्ट्रेट के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके श्री नीरज वशिष्ठ को भी उज्जैन में पदस्थ किया जाना अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। वर्तमान में श्री वशिष्ठ मुख्यमंत्री सचिवालय के उपसचिव और भोपाल विकास प्राधिकरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं।
              इसी प्रकार विभिन्न विभागों में गत सिंहस्थ में पदस्थ अधिकारियों को भी इस सिंहस्थ में उज्जैन लाने की आवश्यकता है ताकि उनके अनुभव का लाभ लिया जा सकें। यदि सभी को उज्जैन लाया नही जा सकें तो उन्हें आमंत्रित कर उनके अनुभवों और सुझावों को लिपिबद्ध कर लाभ लिया जा सकता हैं।

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