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चरक में एक्स-रे, आईसीयू व ट्रामा यूनिट को शिफ्ट करने से पहले इलेक्ट्रिकल और सिविल वर्क जरूरी


सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाने की दिशा में आचार सं​हिता खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि टेंडर समेत अन्य प्रक्रिया पूरी की जा सके। जिला अस्पताल को शासकीय चरक भवन में शिफ्ट किया जाना है लेकिन इससे पहले यहां इलेक्ट्रिकल व सिविल वर्क का काम किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए इंजीनियर मौका मुआयना कर रहे हैं व प्लानिंग की जा रही है कि क्या-क्या सुविधाएं भी चरक में बढ़ाना होगी।

चरक भवन छह मंजिला है और यहां जिला अस्पताल को अगले महीने से शिफ्ट किए जाने की दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने काफी कुछ तैयारी कर ली है लेकिन एक साथ जिला अस्पताल के कई डिपार्टमेंट चरक में ले जाने से वहां पहले सुविधाएं बढ़ाना होगी।

इस बात की भी चिंता अधिकारियों को सता रही है। चरक भवन में क्या-क्या जरूरत है, इसे लेकर इलेक्ट्रिकल वर्क व सिविल वर्क का प्लान बनाया गया है। इस पर इसी माह काम होगा, ताकि आगे चलकर किसी तरह की कोई समस्या न आए। सीएमएचओ डॉ. अशोककुमार पटेल, सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा तथा आरएमओ चरक भवन डॉ. निधि जैन ने इंजीनियरों को बताया है कि शिफ्टिंग से पहले क्या काम आवश्यक है।

10 बेड का आईसीयू वार्ड भी बनेगा

चरक भवन में एक्स-रे रूम कहां रहेगा, ये तय हो गया लेकिन उसे पूरी तरह से रेनोवेट कराना होगा। इसके अलावा 10 बेड का आईसीयू वार्ड भी यहीं पर बनाया जाएगा। आईसीयू चरक में शिफ्ट होने से यहां मेडिसिन, बर्न यूनिट, हड्डी वार्ड व ट्रामा सेंटर भी साथ ही रखा जाएगा।

पहले ड्रेनेज का निदान अवश्यक

चरक अस्पताल में ड्रेनेज समस्या पर सबसे पहले ध्यान देना होगा। बताया जा रहा है कि वर्तमान में ड्रेनेज को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित है व इस पर काम नहीं किया तो पूरी लाइन चाेक हो सकती है। इसमें लगभग 7 से 8 लाख रुपए का खर्च बताया जा रहा है। ड्रेनेज लाइन सुधार व मरम्मत के लिए कलेक्टर नीरजकुमार सिंह को भी अधिकारियों ने अवगत कराया है, ताकि इसका काम जल्दी हो।

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