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प्रथम पुण्य स्मरण दिवस पर कर्मयोगी कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की स्मृति को किया गया जीवंत


प्रथम पुण्य स्मरण दिवस पर कर्मयोगी कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की स्मृति को किया गया जीवंत

'सद्भावना स्मारिका 2023' विमोचन के साथ सामाजिक पटल पर हुई प्रस्तुत

वर्तमान में समाज में सद्भावना की बहुत आवश्यकता है। सद्भावना कायम करने की दिशा में  स्व. कृष्णमंगल सिंह  कुलश्रेष्ठ द्वारा स्थापित अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला जैसी विचार श्रृंखला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।  स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक सेवा के लिए समर्पित किया। आज युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर सामाजिक निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उक्त विचार श्री रामानुज कोट के पीठाधीश्वर  परम श्रद्धेय स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज ने भारतीय ज्ञानपीठ में वरिष्ठ गांधीवादी, शिक्षाविद् , समर्पित समाजसेवी, कर्मयोगी श्रद्धेय स्व. श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के प्रथम पुण्य स्मरण दिवस एवं 'सद्भावना स्मारिका 2023' विमोचन प्रसंग पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज ने  कहा कि सद्भावना स्मारिका में व्यक्त विचार निश्चित रूप से चिंतन और मनन करने योग्य है। हमें अपनी भारतीय ज्ञान परंपरा की ओर लौटना होगा। 

   समारोह की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के  कुलगुरु आदरणीय प्रो .अखिलेश कुमार पांडेय  ने कहा कि स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ जी के कार्य हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। मुझे खुशी है कि उनके सिद्धांतों पर चलते हुए यह संस्थान सामाजिक निर्माण की दिशा में निरंतर अग्रसर है। पहले संस्कृति के साथ प्रकृति का समन्वय होता था किंतु आज संस्कृति के साथ विकृति के आ जाने से समाज को सही दिशा नहीं मिल पा रही है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि सद्भावना स्मारिका युवाओं को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

      वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रेम नारायण नागर ने स्व. कृष्ण मंगल सिंह कुलश्रेष्ठ जी के साथ किए गए सामाजिक कार्यों की स्मृति ताजा करते हुए कहा कि आजादी के संघर्ष को हम लोगों ने देखा है। देश को आजादी तो बहुत मुश्किल से प्राप्त हुई किंतु इस आजादी को सहेजकर रखना अब युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है। 

     सद्भावना स्मारिका 2023 की सफल समीक्षा विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई । 

    स्मारिका का मुख्य संपादन किया है श्री संदीप कुलश्रेष्ठ ने एवं संपादक मंडल में सम्मिलित है श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ , श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ, डॉ. गिरीश पंडया एवं डॉ. मेघा शर्मा। 

    इस अवसर पर श्रीमती कृष्णा कुलश्रेष्ठ उपस्थित थी। श्रीमती विजेता कानूनगो द्वारा एक भावपूर्ण कविता की प्रस्तुति दी गई। 

    अतिथि स्वागत संस्था प्रमुख श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ, प्राचार्य डॉक्टर नीलम महाडिक ने किया। 

    इस अवसर आलेख प्रतियोगिता के विजेताओं

कु अश्विनी दुबे , कुंदन कपासिया, सुश्री नेहा पंडया , 

सुश्री स्नेहा डोयफोड़े एवं श्रीमती प्रियंका शेवालकर को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। 

  संस्था की ओर से अतिथियों का सम्मान खादी ग्राम उद्योग मंडल के पदाधिकारी श्री मथुरा प्रसाद शर्मा, श्री प्रदीप जैन ,वरिष्ठ शिक्षाविद श्री बीके शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य श्री राम दवे, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शिव चौरसिया, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री योगेश व्यास, श्री हरदयाल सिंह ठाकुर एडवोकेट, श्री सुधीर श्रीवास्तव, वरिष्ठ शिक्षाविद् श्री दिवाकर नातु, श्री शिव नायर, न्यायमूर्ति शशि मोहन श्रीवास्तव जी ने किया। 

     इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आरंभ में संस्थान की शिक्षिकाओं द्वारा सद्भावना गीत की प्रस्तुति दी गई। 

     संचालन एकेडमिक डायरेक्टर  डॉ. गिरीश पंडया  ने किया तथा आभार संस्था की डायरेक्टर श्रीमती अमृता  कुलश्रेष्ठ ने माना।

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