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शिप्रा शुद्धिकरण, धार्मिक विरासत पर खुलकर की बात


सिंहस्थ 2016 के बाद पहली बार शहर में संत समाज एक मंच पर दिखाई दिया। उन्होंने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों, शिप्रा शुद्धिकरण, धार्मिक विरासत पर खुलकर बात की। इसके अलावा श्रीराम मंदिर के निर्माण पर खुशी भी जताई। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज के सान्निध्य में 200 संत, महंत, महामंडलेश्वर ने सहभागिता की। संत सम्मेलन 2024 का आयोजन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और पंच दशनाम जूना अखाड़ा के संयोजन में नीलगंगा स्थित शिवांजलि गार्डन में किया गया।

संतों की चिंता : शिप्रा का शुद्धिकरण कैसे होगा : मंच से संतों ने शिप्रा के शुद्धिकरण को लेकर चिंता जताई। डॉ. रामेश्वर दासजी ने कहा कि शिप्रा में नर्मदा का पानी मिलाएं, इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनमें मिल रही कान्ह की गंदगी को भी रोका जाना चाहिए। इससे आपकी मेहनत का कोई फल नहीं मिल रहा। श्रद्धालुओं काे शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें तो नर्मदा जल का भी लाभ नहीं मिल रहा।

इसलिए : क्योंकि शिप्रा शुद्धिकरण पर शासन, प्रशासन ने 21 साल में 650 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके बावजूद न तो कान्ह का गंदा पानी मिलने से रोका जा सका न ही शहर के गंदे नालों को उसमें मिलने से।

संतों की सक्रियता : 90 साल के भी हो गए हैं तो भी सक्रिय रहें

मंच से वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर व राज्य सभा सदस्य उमेशनाथजी महाराज ने कहा कि मार्गदर्शन के लिए लोग हमेशा संत समाज की ओर बड़ी उम्मीद से देखते हैं। 85, 90 के हो गए हैं तो भी व्हाटएप, फेसबुक के माध्यम से सक्रिय रहें। यह समय विकट है। बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी संत समाज की सक्रियता चाहते हैं।

इन संतों की सहभागिता

मौनतीर्थ के महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरिजी महाराज, भर्तृहरी गुफा के महंत रामनाथजी महाराज, अवधेश पुरी महाराज, अग्नि अखाड़े के महंत कृष्णानंद ब्रह्मचारी लाल बाबा, आव्हान अखाड़े के महंत सेवानंद गिरिजी महाराज, दिग्विजय दास महाराज, रामचंद्रदास महाराज, जूना अखाड़े के रामेश्वर गिरी महाराज, स्वामी नारायण मंदिर के महंत आनंद जीवनदास महाराज, महंत देव गिरी महाराज, महंत विद्या भारतीजी, महंत सुरेश्वरानंद जी सहित सभी अखाड़ों के महंतों ने सहभागिता की।

मतदान की शपथ भी दिलाई : संत सम्मेलन के दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरीजी महाराज ने सभी उपस्थित संतो, भक्तों और बटुकों को राष्ट्रहित में मतदान करने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के पहले सांसद अनिल फिरोजिया ने सभी संतों का स्वागत किया और आशीर्वाद लिया।

संतों की खुशी : सालों पुराने श्री राम मंदिर का सपना पूरा

सम्मेलन में आए संतों ने एक स्वर में इस बात पर खुशी जताई कि सालों पुराने श्रीराम मंदिर निर्माण के सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार कर दिया है। इससे साधु समाज और सनातन धर्मावलंबियों में खुशी की लहर है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरीजी महाराज ने कहा यह देश अब धर्म राष्ट्र की ओर करवट ले रहा है। यह सब सनातन धर्म के संगठित होने से संभव हुआ है।

इसलिए : क्योंकि संत समाज ने इसके लिए यात्राएं निकाली, सभाएं भी की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने मंच कहा कि सनातन समाज के लिए यह गर्व की बात है।

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