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स्नान-दान का महापर्व 5 मई को


5 मई को स्नान-दान का महापर्व रहेगा। इस दिन वैशाख पूर्णिमा है। इस पर्व पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण भी हो रहा है, लेकिन इसका धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। तीन बड़े शुभ योग बनने से इस दिन किए गए शुभ कामों का पुण्य और बढ़ जाएगा। साथ ही पूरे दिन हर तरह की खरीदारी और लेनदेन करना फायदेमंद रहेगा।

ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति
वैशाख पूर्णिमा पर स्वाती नक्षत्र का शुभ संयोग बनने से व्हीकल खरीदारी का विशेष मुहूर्त है। इस दिन ग्रहों की स्थिति से गजकेसरी, सिद्धि और बुधादित्य योग भी बन रहे हैं। साथ ही सूर्य और शनि अपनी राशियों में होंगे। ग्रह-नक्षत्रों की इस शुभ स्थिति के कारण वैशाख पूर्णिमा पर खरीदारी और निवेश का विशेष मुहूर्त रहेगा। इस पर्व पर किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ का पुण्य भी बढ़ जाएगा।

स्नान-दान की परंपरा
इस दिन गंगा सहित अन्य 6 पवित्र नदियों में स्नान और पितरों का पूजन करने से कई गुना अधिक पुण्य फल मिलेगा। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नहा लेना चाहिए। तीर्थ स्नान के नहीं जा सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल या अन्य पवित्र नदियों का जल मिलाकर नहाना चाहिए। इस दिन शुभ मुहूर्त में दान का संकल्प लेकर जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। ऐसा करने से भी पूरा पुण्य मिलता है।

सौभाग्य और आरोग्य बढ़ाने के लिए दान
27 नक्षत्रों में स्वाति नक्षत्र दान में पुण्य प्रदान करने वाला है। इसके अधिपति वायु देव है और इसका स्वामी राहु है। इसी तरह सिद्धि योग के अधिपति गणेश हैं जो कि हर प्रकार के कार्य में सिद्धि प्रदान करने वाले हैं।

इस पर्व पर तुला राशि में चंद्रमा होने से वैभव में वृद्धि होगी और इस दिन स्नान कर के जल, घट और सफेद चीजों का का दान करना शुभ रहेगा। इस तरह दान करने से सौभाग्य बढ़ता है और आरोग्य भी मिलता है। वैशाख महीने की पूर्णिमा पर किए गए दान से पूरे महीने किए गए दान जितना पुण्य मिलता है।

वैशाख पूर्णिमा पर क्या करें
पूर्णिमा तिथि में यज्ञ, वास्तु पूजा, गृह-प्रवेश, विवाह, घर या कोई बिल्डिंग बनाने की शुरुआत, ज्वैलरी खरीदना, देव-प्रतिष्ठा जैसे मांगलिक काम करने चाहिए। इसके साथ ही गुरुवार होने से जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और जल का दान खासतौर से करना चाहिए। इनके साथ ही इस दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें। इस पर्व पर गाय को खाने की चीजें और पूरे दिन की घास या चारा दान करें।

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