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भदोरिया बने उज्जैन शहर कांग्रेस के नाथ, मौजूदा अध्यक्ष सोनी को हटाया


उज्जैन। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के नेतृत्व में राजस्थान के उदयपुर में जो चिंतन हुआ उसके मंथन से युवा नेतृत्व निकल कर आया है।उज्जैन में लंबे समय से शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने की जो बाट जोही जा रही थी ,उसमें छात्र राजनीति से मुख्यधारा में आए रवि भदोरिया को सफलता मिली है ,और उन्हें अहम पद पर आसीन किया गया है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रविवार को रवि भदौरिया की ताजपोशी कर दी गई ।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खास सिपहसालार के तौर पर श्री भदोरिया लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में कार्य कर रहे है। 07 साल तक वे उज्जैन युवक कांग्रेस के अध्यक्ष तो रहे ही ,इससे पहले छात्र राजनीति से शुरुआत कर एनएसयूआई में भी शहर अध्य्क्ष के पद पर कार्य किया। मीनाक्षी नटराजन ,मृणाल पंत ,राजीव सातव ,अशोक तंवर, मुकुल वासनिक ,से लेकर रणदीप सुरजेवाला के साथ भी छात्र राजनीति के दौरान रवि भदोरिया करीबी रहे। नाथ का विशेष स्नेह कमलनाथ केंद्रीय मंत्री रहे या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री या फिर प्रदेश अध्यक्ष, जब भी वे उज्जैन आये तो रवि भदोरिया के निवास पर भी पहुंचते हैं, इससे पता चलता है कि श्री नाथ रवि भदौरिया से कितनी आत्मीयता रखते हैं। रवि भदोरिया भी कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और बड़े पैमाने पर दो पहिया वाहन से लेकर फ्लेक्स होर्डिंग लगाकर पार्टी संगठन को मजबूत करने का कार्य करते आए हैं।

यह भी थे दौड़ में, अब चुनावी मोड में

शहर अध्यक्ष की दौड़ में अजीत सिंह ठाकुर, विक्की यादव ,रवि राय, श्रीमती माया राजेश त्रिवेदी ,चेतन यादव, के भी नाम चल रहे थे। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के वरदहस्त के चलते रवि भदोरिया को मौका मिल गया। युवाओ का हुजूम जुड़ेगा पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर रवि भदौरिया ने कांग्रेस पार्टी- संगठन को लगातार मजबूत करने की दिशा में बेहतर काम किया है। यही कारण है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन पर भरोसा जताते हुए शहर जिला अध्यक्ष जैसा अहम दायित्व दिया है। मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है और पंचायत चुनाव भी होना है ।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से दो-दो हाथ करने के लिए रवि भदोरिया के हाथ पार्टी ने मजबूत किए हैं ।श्री भदौरिया अब युवा कार्यकर्ताओं का साथ लेकर मैदान में उतरेंगे ।उनके नेतृत्व में ही नगरीय निकाय, जिला- जनपद ,पंच -सरपंच से लेकर विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी होंगे ।ऐसे में एक बड़ा वर्ग रवि भदोरिया के साथ अब जुड़ते दिखाई दे रहा है। आत्मविश्वास से लबरेज है भदौरिया उज्जैन नानाखेड़ा के समीप महाकाल वाणिज्य निवासी रवि भदोरिया ने संघर्षों के साथ राजनीति की शुरूवात की। यह जो मुकाम पाया है, यह उनका आत्मविश्वास, राजनीतिक तौर पर जुनून और संगठन के प्रति समर्पण भाव ही रहा कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद तक वे ऐसे समय पहुँचे जब उज्जैन में कई कांग्रेसी दिग्गज इस पद को लेकर दिल्ली और भोपाल की परिक्रमा कर रहे थे ।इधर कमलनाथ गुट से ही जहां तीन- चार अन्य नेता व नेत्री अध्यक्ष बनने के लिए डटे थे। वहीं दिग्विजय सिंह से लेकर अरुण यादव गुट के भी नेता सक्रिय थे। बावजूद इसके रवि भदोरिया ने यह बाजी मार ली ।

डीआरओ से वॉकयुद्ध महेश सोनी को पड़ा भारी

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अब जहां चुनाव को लेकर कमर कस ली है, वही इस दौर में शहर अध्यक्ष बदले जाने से युवाओं में उत्साह भर गया है। गौरतलब है कि निवर्तमान शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी उम्रदराज होने के साथ-साथ तमाम आरोपों से भी गिरे हुए रहे हैं, बड़बोलेपन के साथ साथ उनकी तबीयत भी नासाज़ रहती है ।इधर पार्टी को मजबूत करने के लिए विभिन्न आयोजन ,धरना ,प्रदर्शन आंदोलन के तहत मुख्य भूमिका में अध्यक्ष को रहना पड़ता है ,जिसमें निवर्तमान शहर अध्यक्ष महेश सोनी लगातार पिछड़ रहे थे। कुछ समय पूर्व उज्जैन से दर्जनों कांग्रेसी भोपाल भी पहुंचे थे, और महेश सोनी की शिकायत भी की थी, वही उज्जैन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने आये डीआरओ से भी महेश सोनी का वाकयुद्ध हुआ था। अब चूंकि युवा, ऊर्जावान, रवि भदोरिया को शहर अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है,ऐसे में सोशल मीडिया पर लगातार उन्हें बधाई व शुभकामनाएं प्राप्त हो रही है। इधर जो दर्जनभर नेता शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में थे जिनके अरमान टूट गए है, विधायक से लेकर पार्षद और महापौर बनने की तैयारी में जुटे कई ऐसे नेता अब एक जूट जुट होकर नए शरद सभी भदोरिया के नेतृत्व में कार्य करते दिखाई देंगे ।

सभी को एकजुट करना बड़ी चुनौती

रवि भदोरिया चुकी स्वयं एक युवा है, ऐसे में उन्हें युवक कांग्रेस एनएसयूआई के साथ-साथ महिला कांग्रेस और सेवादल को भी मजबूत करना होगा। नगरी निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा- लोकसभा के लिए भी ठोस रणनीति और तैयारी करना होगी ।साथ ही साथ बुजुर्ग नेताओं से भी तालमेल बिठाना पड़ेगा और जो अलग-अलग गुट बन गए हैं उन सबको एक जाजम पर लाने की भी बड़ी चुनौती नवागत शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया पर होगी।

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