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इस देश में मिली 20 लाख साल पुरानी मानव खोपड़ी



मेलबर्न: दक्षिण-अफ्रीकी गुफा में ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व वाली पुरातात्विक खुदाई में एक बड़े दांतों वाली 20 लाख साल पुरानी खोपड़ी (Skull) मिली है. यह मानव खोपड़ी से काफी मिलती-जुलती है और इसलिए इसे मानव के दूर के रिश्‍तेदार की खोपड़ी भी कहा जा रहा है, जो काफी पहले धरती से खत्‍म हो चुके हैं. 

पुरुष की यह खोपड़ी, छोटे मस्तिष्क वाले होमिनिन का सबसे पहला ज्ञात और सबसे अच्‍छा संरक्षित उदाहरण है, जिसे परंथ्रोपस स्ट्रांगस (Paranthropus robustus) कहा जाता है. मेलबोर्न की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 2018 में खोपड़ी के टुकड़े जोहान्सबर्ग के उत्तर में ड्रिमोल पुरातत्व स्थल पर पाए. यह उस स्थान से कुछ मीटर की दूरी पर ही था, जहां 2015 में एक बच्चे जितनी आयु के होमो इरेक्टस खोपड़ी मिली थी. 

मेलबर्न: दक्षिण-अफ्रीकी गुफा में ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व वाली पुरातात्विक खुदाई में एक बड़े दांतों वाली 20 लाख साल पुरानी खोपड़ी (Skull) मिली है. यह मानव खोपड़ी से काफी मिलती-जुलती है और इसलिए इसे मानव के दूर के रिश्‍तेदार की खोपड़ी भी कहा जा रहा है, जो काफी पहले धरती से खत्‍म हो चुके हैं. 

पुरुष की यह खोपड़ी, छोटे मस्तिष्क वाले होमिनिन का सबसे पहला ज्ञात और सबसे अच्‍छा संरक्षित उदाहरण है, जिसे परंथ्रोपस स्ट्रांगस (Paranthropus robustus) कहा जाता है. मेलबोर्न की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 2018 में खोपड़ी के टुकड़े जोहान्सबर्ग के उत्तर में ड्रिमोल पुरातत्व स्थल पर पाए. यह उस स्थान से कुछ मीटर की दूरी पर ही था, जहां 2015 में एक बच्चे जितनी आयु के होमो इरेक्टस खोपड़ी मिली थी. 

मानव विकास को समझने में मिलेगी मदद
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस खोज से मानव (Human) में हुए उन छोटे-छोटे विकास को समझने में मदद मिलेगी, जो इन हजारों-लाखों सालों के दौरान हुए हैं. 

पैरेन्थ्रोपस स्ट्रांगस उसी समय पर पृथ्‍वी पर थे, जब हमारे पूर्वज होमो इरेक्टस थे लेकिन पैरेन्‍थ्रोपस स्‍ट्रांगस की मृत्‍यू पहले ही हो गई. इसलिए शोधकर्ताओं ने होमिनिन्स को इंसानी बिरादरी के फैमिली ट्री में एक छोटे दिमाग वाले सदस्य के रूप में संदर्भित किया है. हालांकि ये दो दोनों खासी भिन्‍न प्रजातियां हैं. 

इसके अलावा इस दुर्लभ नर जीवाश्म का आकार उन महिला स्‍पेसीमेन जैसा है, जो पहले इसी साइट पर मिले थे. इससे शुरुआती होमिनिन प्रजातियों में भी हुए सूक्ष्‍म विकासों का पता चलता है. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी भी संभावनाएं हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण गीले हुए वातावरण से उनके लिए भोजन की उपलब्धता में कमी आई हो और इसलिए वे मर गए हों. होमो इरेक्टस के छोटे दांतों को देखते हुए लगता है कि वे पौधे और मांस दोनों खाते होंगे.

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