विश्व हृदय दिवस : कैसे हुई इन दिन की शुरूआत
हार्ट शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। वक्त से साथ बदली जीवनशैली का सबसे ज्यादा असर यदि किसी अंग पर पड़ा है तो इसमें हार्ट सबसे ऊपर है। यही कारण है कि आज हार्ट की देखभाल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। दिल की सेहत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हार्ट दिवस यानी World Heart Day मनाया जा रहा है। World Heart Day की शुरुआत सन् 2000 से हुई थी। तब तय हुआ था कि सितंंबर माह के आखिरी रविवार को यह दिन मनाया जाएगा। हालांकि 2014 से इनके लिए 29 सितंबर की तारीख तय कर दी गई।
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने World Heart Day की शुरुआत की थी। उद्देश्य यही है कि हार्ट और इससे जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना। डाक्टरों का आज भी मानना है कि हार्ट की बीमारी के मामले में पचास फीसदी मरीजों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो जाती है। यदि लोग अपने हार्ट को जानेंगे और उसकी सेहत का ख्याल रखेंगे तो इन माैतों को कम किया जा सकेगा। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, हार्ट संबंधी बीमारियों से हार साल करीब 18 मिलियन मरीजों की मौत होती है।
भारत में हार्ट डे का महत्व इस रिपोर्ट से समझा जा सकता है कि भारत में करीब 50 फीसद महिलाओं का कोलेस्टेरोल स्तर असामान्य है। यह महिलाओं के हृदय रोगी होने के खतरे को दर्शाता है। एक सर्वेक्षण में इस आशय का दावा किया गया है। एसआरएल डाइग्नोस्टिक्स द्वारा किए गए सर्वे में पता चला है कि 46 से 60 वर्ष की उम्र की 48 फीसद महिलाओं में वसा का स्तर असामान्य होता है। वसा का असामान्य स्तर ही दुनिया और भारत में मौत का सबसे बड़ा कारण है। वसा संवाहक प्रोटीन में कोलेस्टेरोल की मात्रा का पता लगाने के लिए वसा प्रोफाइल जांच की जाती है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हृदय गति रुकने के एक तिहाई रोगियों की मौत इलाज के छह महीने के भीतर ही हो जाती है। भारत में दुनिया के दूसरे हिस्से के मुकाबले एक दशक पहले ही हृदय गति रुकती है। वहीं युवाओं में धूम्रपान और शराब की लत के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है।
कुछ बदलाव अपनी जिंदगी के लिए-
- रोजाना 30 मिनट कम से कम व्यायाम, योग करें। जब तक पसीना न आ जाए।
- वॉकिंग, साइकिलिंग करें और लिफ्ट की जगह सीड़ियों का इस्तेमाल निरंतर करें।
- हार्ट चेकअप निरंतर करवाएं, ईसीजी-ईको-टीएमटी-सीएटी।
यूं पता करें हार्ट प्रॉब्लम
- चलने में सांस फूलना
- बिना किसी कारण के बहुत पसीना आना
- छाती में दर्द होना
- धड़कन बढ़ जाना
- छोटी सी बात पर बहुत जल्दी घबराहट होने लगना
ऐसे मिल सकता है हेल्दी हार्ट
- जितना हो सके लो कोलेस्ट्रॉल फूड लें।
- जितना ऑयली और फैट युक्त भोजन किया है, उसके अनुसार ही वर्कआउट रखें।
- खाने में फल और सलाद को जरूर शामिल करें।
- एल्कोहल का कम से कम इस्तेमाल करें।
- रेगुलर वर्कआउट करें।
- दिन में कम से कम 15 मिनट कार्डिक एक्सरसाइज जरूर करें
- स्विमिंग करें, हर घास के मैदान में धीमी गति से वॉक करें।