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महाकाल के आंगन नृत्यांजलि, लगातार 16 घंटे कत्थक कर रही है कलाकार


उज्जैन @ भगवान महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर में आज कलाकार बाबा महाकाल को अपनी साधना से प्रसन्न करने में लगे हैं। ये नृत्यांगनाऐं और बच्चे लगातार 16 घंटे तक नृत्य करेंगी। भीषण गर्मी और 40 डिग्री से ज्यादा तापमान होने के बावजूद ये लड़कियां कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दे रही है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बच्चों द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति लगातार दी जा रही है। इन नृत्यांगनाओं को खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। विशेष बात यह है कि ये नृत्यांगनाऐं मंदिर के प्रांगण में करीब सौलह घंटे की अनवरत नृत्य साधना में लगी हैं। इस नृत्यांजलि में प्रस्तुति देते हुए न तो इनके पैर धीमे पड़ रहे हैं और न ही इनके चेहरे पर थकान नजर आ रही है।

       अपनी प्रस्तुति के दौरान इनकी चुस्ती, फुर्ती और गज़ब का तालमेल इनके नृत्य को और शानदार बना रहा है। इन बच्चों ने आज विशेषतौर पर शिवतांडव स्त्रोत और शिव पंचाक्षर पर अपनी शानदार प्रस्तुति से बाबा के  भक्तों को प्रभावित कर दिया। भारतीय कला, संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह कोशिश की है। जिसके माध्यम से संस्थान के कलाकार भारतीय नृत्य, संगीत से दूर जा रहे लोगों को इसकी सुंदरता और महत्व से परिचित करवाने में लगे हैं।

       नृत्य आराधना की इस प्रस्तुति में 8 वर्ष से 16 वर्ष तक की बालिकाऐं भी शामिल हैं। देश भर से कलाकार इसकी प्रस्तुति देने के लिए पहुंच रहे है। अपनी नृत्यांजलि से बाबा को प्रसन्न करने में 20 से ज्यादा नृत्यांगनाऐं शामिल हैं। इनमें से कुछ तो कई वर्षों से नटराज की साधना में लगी हैं। इन नृत्यांगनाओं ने अपनी प्रस्तुति पर खुशी जताई। इनका कहना था कि बाबा महाकाल के दरबार में नृत्य प्रस्तुति देकर बहुत अच्छा लग रहा है। इनका कहना है कि बाबा महाकाल के दरबार में नृत्य की आराधना करने वाली नृत्यांगनाओं के साथ प्रस्तुति देकर इनकी प्रतिभा में निखार भी आता है। कई छात्राऐं शिव को अपना गुरू मानकर नृत्य साधना में लगी हुई हैं।

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