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प्रियंका चोपड़ा ने बांग्‍लादेश में रोहिंग्‍या शरणार्थियों से की मुलाकात



बांग्लादेश में फील्ड विजिट पर पहुंची बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रह रहे बच्चों की दयनीय हालत का उल्लेख किया. उन्होंने दुनिया से आगे बढ़कर मदद करने की अपील भी की. यूनिसेफ की गुडविल एंबेसडर के तौर पर सोमवार को प्रियंका ने कहा- रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रह रहे बच्चों की दयनीय हालत पर ध्यान देने की जरूरत है.

उधर, बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने प्रियंका के दौरे का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि जिस्मफरोशी के लिए रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रह रहे बच्चों की तस्करी की जाती है. लेकिन किसे परवाह है?

तस्लीमा नसरीन ने एक ट्वीट में रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों की हालात को लेकर अनदेखी की निंदा की. उन्होंने लिखा- बाल अधिकारों के लिए यूनिसेफ गुडविल एंबेसडर के रूप में प्रियंका चोपड़ा ने बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर का दौरा किया. उन्होंने (प्रियंका ने ) कहा दुनिया को ख्याल रखने की जरूरत है. रोहिंग्या बच्चों की हर रोज जिस्मफरोशी के लिए तस्करी की जाती है. लेकिन परवाह किसे है.

सोमवार को प्रियंका लंदन से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार पहुंचीं. उन्होंने शिविर का दौरा कर बच्चों से मुलाक़ात की. मुलाक़ात के दौरान की कुछ तस्वीरों को भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया. बांग्लादेश में पहुंचने से पहले प्रियंका ने ट्वीट कर दौरे की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था- 'मैं यूनिसेफ फील्ड विजिट पर रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों के दौरे पर हूं. मेरे अनुभवों को जानने लिए मुझे इंस्टाग्राम पर फॉलो करें. बच्चे बेघर हो गए हैं, दुनिया को ख्याल रखने की जरूरत है. हमें ख्याल रखना चाहिए.'

बता दें कि म्यांमार में रोहिंग्या बड़े पैमाने पर धार्मिक हिंसा का शिकार हुए. उनके कई समूहों को म्यांमार से भागकर भारत-बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है. बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर रोहिंग्या शरणार्थी हैं. दक्षिण एशिया में इस वक्त रोहिंग्या मुसलमानों का मामला सबसे बड़े शरणार्थी संकट के तौर पर उभरा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अगस्त 2017 से लेकर अब तक लगभग 7,00,000 रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से भागकर कर बांगलदेश के कॉक्स बाजार पहुंच चुके हैं. इनमें 60 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अगस्त 2017 से लेकर अब तक लगभग 7,00,000 रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से भागकर कर बांगलदेश के कॉक्स बाजार पहुंच चुके हैं. इनमें 60 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं.

 

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