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लाड़ो अभियान के अन्तर्गत नाबालिग होने पर बाल विवाह रूकवाया


 

उज्जैन । बाल विवाह की कुप्रथा को खत्म करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013 से प्रदेश में लाड़ो अभियान संचालित किया जा रहा है। उज्जैन जिले में लाड़ो अभियान के अन्तर्गत बाल विवाह को रोकने का कार्य निरन्तर जारी है। अभियान के अन्तर्गत उज्जैन जिले की नागदा तहसील के नायन निवासी मुन्नालाल राठौर के पुत्र के नाबालिग और ग्राम भीमपुरा निवासी बद्रीनाथ की पुत्री के नाबालिग होने के कारण लड़के-लड़की के परिजनों को समझाईश देकर उनका बाल विवाह रूकवाया गया। इसी तरह ग्राम भीमपुरा निवासी बद्रीनाथ के पुत्र का भी नाबालिग होने के कारण विवाह रूकवाया गया। महिला बाल विकास विभाग के जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी के संज्ञान में उक्त घटना पर तत्काल कार्यवाही कर दोनों परिवारों के परिजनों से टीम की सक्रियता के कारण बाल विवाह रूकवाया गया।

जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें मंगलवार 24 अप्रैल को शिकायत प्राप्त हुई थी कि नागदा तहसील के ग्राम नायन निवासी श्री मुन्नानाथ राठोड़ पिता भेरानाथ राठोड़ के पुत्र का बाल विवाह किया जा रहा है। इसके पश्चात उन्होंने शिकायत को संज्ञान मे लेते हुए तत्काल जिला स्तरीय बाल विवाह निरोधक दल को घटना स्थल पर पहुंचाया। बाल विवाह निरोधक दल ने वर-वधू के माता-पिता से उम्र की जानकारी प्राप्त की। प्राप्त जानकारी में बालक-बालिकाओं की प्रथम दृष्ट्या में विवाह की उम्र न होने के कारण परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों की समझाईश दी गई और उन्हें बाल विवाह न करने की जानकारी दी। टीम को दोनों बालक-बालिकाओं के परिजनों ने विवाह रद्द करने की सहमति प्रदान की।

महिला बाल विकास उन्हेल की परियोजना अधिकारी श्रीमती प्रीति कटारा, महिला सशक्तिकरण उज्जैन से सामाजिक कार्यकर्ता संतोष पवार व चाइल्ड लाइन उज्जैन से वर्षा सवालाखे टीम सहित घटना स्थल पर पहुंचे। इसके पश्चात दल द्वारा बालक के परिजनों से जानकारी प्राप्त की गई। जिस पर परिजनों द्वारा बताया गया की मुन्नानाथ राठोड़ पिता भेरानाथ राठोड़ निवासी ग्राम नायन के पुत्र का विवाह बद्रीनाथ पिता रामनाथ निवासी ग्राम भीमपुरा की पुत्री से 25 अप्रैल को किया जाना निर्धारित है। इसके पश्चात टीम द्वारा परिजनों को बालक के उम्र सम्बन्धी प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत करने के आशय का नोटिस दिया गया। परिजनों द्वारा बालक के उम्र के सम्बन्ध में आधार कार्ड प्रस्तुत किया गया। जाँच दल व्दारा आधार कार्ड  का अवलोकन किया गया। आधार कार्ड के अनुसार प्रथम दृष्ट्या बालक नाबालिग पाया गया। अतः नाबालिग पाए गए बालक के सम्बन्ध में परिजनों को बाल विवाह नहीं करने का नोटिस दिया गया तथा परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के प्रावधानों कि जानकारी दी गयी। इसके पश्चात बालक के परिजनों द्वारा बालक का विवाह रद्द करने का निर्णय लिया गया।

    इसी तरह बाल विकास परियोजना उन्हेल की एक अन्य टीम जिसमे की ओमप्रकाश सोनी एवं नागदा मंडी थाने से कांस्टेबल को ग्राम भीमपुरा भेजा गया। जहां टीम द्वारा बद्रीनाथ पिता रामनाथ  से जानकारी प्राप्त की गई। जिसमे बद्रीनाथ पिता रामनाथ द्वारा बताया गया कि उनके बालक का विवाह कालुनाथ पवार निवासी पलसोडा की पुत्री से एवं बालिका का विवाह मुन्नानाथ राठोड़ पिता भेरानाथ राठोड़ निवासी ग्राम नायन के पुत्र से विवाह 25 अप्रैल को किया जाना निर्धारित था। इसके पश्चात टीम द्वारा परिजनों को बालक के उम्र सम्बन्धी प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। परिजनों द्वारा बालक के उम्र के सम्बन्ध में आधार कार्ड प्रस्तुत किया गया। जाँच दल व्दारा आधार कार्ड का अवलोकन किया गया। आधार कार्ड के अनुसार प्रथम दृष्ट्या बालक नाबालिग पाया गया एवं बालिका के बारे मे परिजनों द्वारा बताया गया कि बालिका के उम्र सम्बन्धी कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। बालिका बालक से छोटी है, इसलिए बालिका भी वर्तमान मे नाबालिग है। अतः टीम द्वारा नाबालिग पाए गए बालक एवं बालिका के सम्बन्ध में परिजनों को बाल विवाह नहीं करने की समझाईश दी गयी तथा परिजनों को  बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के प्रावधानों कि जानकारी दी गयी। इसके पश्चात बालक और बालिका के परिजनों द्वारा बालक और बालिका का विवाह रद्द करने की सहमती प्रदान की गई।

 

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