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विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया


 

स्वास्थ्य विभाग के अमले के द्वारा बचाव के उपाय बताये गये

उज्जैन । विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया गया। स्वास्थ्य विभाग के अमले के द्वारा जिले में मलेरिया के बचाव के उपाय बताये गये। मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये प्रतिवर्ष मलेरिया दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण रणनीतियों का क्रियान्वयन करने तथा लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिये सम्पूर्ण जिले में मलेरिया से रोकथाम के उपाय के लिये जनजागरण किया गया। जिले की समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में मलेरिया, डेंगू रोग के बारे में जानकारी दी गई। उज्जैन शहर के महाकाल क्षेत्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया। वार्ड-27 लक्कड़गंज में स्थित आंगनवाड़ी में मलेरिया व डेंगू की जानकारी का प्रचार-प्रसार किया गया। इसी तरह गऊघाट, जयसिंहपुरा, हनुमानगढ़ी, मोती नगर, भैरवगढ़ में लार्वा सर्वे, सर्वेलेंस कार्य किया गया एवं मलेरिया व डेंगू के रोग के बारे में आमजन को जानकारियां दी गई। इसी प्रकार वार्ड-1, 17, 13, 15, 4, 5, 35, 38, 39, 41, 43, 45, 51 और 53 में एंटीलार्वा का कार्य किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया एक संचारी रोग है। यह मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मच्छर रूके हुए साफ पानी या धीरे-धीरे बहते हुए पानी में ही पैदा होते हैं। मलेरिया बुखार में व्यक्ति को सर्दी व कंपन के साथ बुखार आता है, सिरदर्द रहता है, थकावट एवं कमजोरी आती है।

‍मलेरिया से बचने के उपाय

विभिन्न उपायों से मलेरिया से बचा जा सकता है। आमजन अपने घरों के आसपास नालियों एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दें। रूके हुए पानी में सप्ताह में एक बार मिट्टी का तेल अथवा दोपहिये वाहन का जला हुआ तेल अवश्य डालें। ऐसा करने से मच्छरों की उत्पत्ति रूकती है। घरों में अन्दर ज्यादा दिनों तक स्टोर किये गये पानी में मीठा तेल डालकर उपयोग में लाना चाहिये। पानी की टंकी, नांद, कूलर, ड्रम का पानी व अन्य एकत्रित पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली किया जाये। पानी को ढंककर रखने से भी मलेरिया के लार्वा नहीं पनपते हैं। खिड़की दरवाजों में बारीक जालियां लगवायें, जिससे मच्छर घर में अन्दर प्रवेश न कर सकें। शाम के समय घरों में नीम की पत्तियों का धुंआ करने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने व शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने से मलेरिया से बचा जा सकता है। ज्यादा मच्छर होने पर नारियल व सरसों के तेल में नीम का तेल मिलाकर शरीर के खुले हिस्सों में लेप करने से मच्छर नहीं काटते। बुखार आने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर खून की जांच करवायें तथा समुचित उपचार लें। खून की जांच की सुविधा सभी शासकीय चिकित्सालयों, डिस्पेंसरी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध है।

मलेरिया की जांच व उपचार ऐसे करें

बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त ही खून की जांच आरडीटी किट या माइक्रोस्कोपिक जांच के द्वारा करायें। जांच उपरान्त मलेरिया की पुष्टि होने पर कार्यकर्ता द्वारा बताये गये दवाईयों का पूर्ण रूप से सेवन करें। पीएफ मलेरिया के उपचार में एसीटी 3 दिन व प्राइमाक्वीन दूसरे दिन 1 डोज के साथ लिया जाये। पीवी मलेरिया के उपचार में क्लोरोक्वीन 3 दिन व प्राइमाक्वीन दूसरे दिन के डोज के साथ लिया जाये। पीवी मलेरिया के उपचार में क्लोरोक्वीन 3 दिन व प्राइमाक्वीन पहले दिन से चौदहवें दिन तक लिया जाये। प्राइमाक्वीन की दवा गर्भवती महिला व जीरो से 1 वर्ष तक के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिये। मलेरिया को साफ करने के लिये घरों में स्वच्छता अनिवार्य रूप से रखी जाये, ताकि मलेरिया से बचा जा सके। अपने आसपास स्वच्छता लायें और मलेरिया को दूर भगायें।

 

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