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'' मैं एक अमीर आदमी हूं. मैं गांधी या मंडेला नहीं हूं." : मोहम्मद बिन सलमान



सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान को अपनी रईसी पर गर्व है. न्यू यॉर्क टाइम्स से बातचीत में अपनी संपत्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह अमीर हैं, गरीब नहीं. वह गांधी या मंडेला नहीं हैं. हाल ही में यह सामने आया है कि वह फ्रेंच शैटो के मालिक हैं, यह दुनिया का सबसे महंगा घर है.

सऊदी राजकुमार ने कहा कि उनकी संपत्ति उनका निजी मामला है. उन्होंने कहा, "अपने निजी खर्चों की बात करूं तो मैं एक अमीर आदमी हूं. गरीब नहीं. मैं गांधी या मंडेला नहीं हूं." उन्होंने आगे कहा  कि वह अपनी आय का एक हिस्सा चैरिटी पर खर्च करते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी आय का 51 प्रतिशत लोगों पर और 49 प्रतिशत खुद पर खर्च करते हैं.

मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार को यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. इस मुलाकात में दोनों देशों के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले ईरान को लेकर चर्चा हो सकती है.

उम्मीद जताई जा रही है कि सलमान यूएस राष्ट्रपति के सामने अपने देश में किए गए सामाजिक बदलावों और अपनी फॉरेन पॉलिसियों का जिक्र कर सकते हैं. संभावना है कि दोनों के बीच यमन में युद्ध और कतर के साथ राजनयिक विवाद पर भी चर्चा हो सकती है.

मोहम्मद बिन सलमान ने सोमवार को सीबीएस न्यूज से बात की थी. इस बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया था कि सऊदी अरब का समाज रूढ़ीवादी इस्लाम की जकड़ में है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब 1979 में इस रूढ़ीवाद का शिकार हआ, ये वो दौर था जब ईरान में इस्लामिक रिवॉल्यूशन आया और मक्का के मस्जिद पर चरमपंथियों ने कब्जा जमा लिया. उन्होंने कहा, "असल सऊदी अरब ऐसा नहीं है. मैं चाहूंगा कि आपके चैनल के दर्शक अपने स्मार्टफोन से सऊदी अरब सर्च करें और देखें कि 60-70 के दशक में सऊदी अरब कैसा था."

उन्होंने कहा, "अन्य गल्फ देशों की तरह ही हम सामान्य जिंदगी जीते थे. महिलाएं कार चलाती थीं, फिल्म थिएटर थे. महिलाएं हर जगह काम करती थीं. हम आम लोग थे, किसी और देश की तरह ही विकास कर रहे थे लेकिन 1979 के बाद सब बदल गया."

उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए अपने कदमों के बारे में भी बात की. इस मामले में सऊदी के कई राजकुमारों को जेल हो गई थी और उन्हें कई सप्ताह तक रियाद के आलीशान रिट्ज कार्ल्टन होटल में बंद रखा गया था. उन्होंने कहा कि तब जो उन्होंने किया वह कानून के दायरे में किया और वह बेहद जरूरी था. उन्होंने कहा कि उस दौरान उन्होंने करीब 100 बिलियन डॉलर रिकवर किए थे. उन्होंने कहा कि उनका मकसद पैसे निकालना नहीं था बल्कि भ्रष्टाचारियों को सजा देना था.

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