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कावेरी विवाद पर फैसले के बाद अलर्ट, तमिलनाडु बॉर्डर पर रोकी गईं बसें



दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के बीच दशकों पुराने कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने फैसले में कर्नाटक के पानी को बढ़ाया है तो वहीं तमिलनाडु का घटाया है. फैसले के आते ही पुलिस सतर्क हो गई है.

कावेरी जल विवाद पर कोर्ट का फैसला आते ही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस द्वारा तमिलनाडु के बार्डर पर कर्नाटक की बसों को रोका जाने लगा. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अध्ययन के बाद वे आगे की कार्रवाई का फैसला करेंगे.

बंगलुरु में सुरक्षा कड़ी

उधर बंगलुरु में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कावेरी विवाद तीन राज्यों के बीच तनाव का कारण लंबे समय से रहा है. इसके मद्देनजर फैसले से पहले तीनों राज्यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. बंगलुरु के पुलिस आयुक्त टी. सुनील कुमार ने बताया कि 15 हजार पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. इसके अलावा कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के कर्मी और अन्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया जाएगा. विशेष ध्यान संवेदनशील इलाकों पर दिया जाएगा जहां पहले हिंसक वारदातें हो चुकी हैं. कर्नाटक दावा करता रहा है कि कृष्णराज सागर बांध में सिर्फ उतना पानी है जो केवल बंगलुरु की आवश्यकता को पूरी करता है.

इसके अलावा होसुर में दो डीएसपी और 100 जवानों की तैनाती की गई है. हाईलेवल मीटिंग कर लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है. तमिलनाडु में भी इस फैसले को लेकर सरकार अलर्ट है. तमिलनाडु में 5 लाख किसान, खेती से जुड़े 18 लाख कामगार, सिंचाई और तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोग कावेरी विवाद से संबंध रखते हैं. चेन्नई में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

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