नेतन्याहू के कथित भ्रष्टाचार में आया TATA का नाम, कंपनी ने नकारा
यरुशलम। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से जुड़े विवाद में भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का नाम भी उछला है। इजरायली मीडिया के अनुसार टाटा ने अरबपति कारोबारी अर्नन मिचान के साथ मिलकर इजरायल-जॉर्डन सीमा पर मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के प्रोजेक्ट पर कार्य किया। क्षेत्र के सुरक्षा महत्व की अनदेखी करके सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी।
सरकार ने यह कार्य मिचान और टाटा को बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए किया। दो मामलों में धोखा करने और भ्रष्टाचार के सुबूत मिलने के बाद नेतन्याहू घिरते नजर आ रहे हैं। हालांकि उन्होंने इन आरोपों से स्पष्ट इन्कार किया है और इस्तीफा देने की मांग को खारिज कर दिया है।
नेतन्याहू दो बार पहले भी इजरायल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उन्हें देश के सबसे सफल नेताओं में शुमार किया जाता है। उन पर दस साल में तीन लाख डॉलर (करीब दो करोड़ रुपये) के उपहार लेने का आरोप है। करीब 14 महीने की जांच के बाद पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि प्रधानमंत्री के खिलाफ मामला चलाने के उसके पास पर्याप्त सुबूत हैं।
पुलिस की घोषणा के बाद सामने आए नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के हित में कार्य करना जारी रखेंगे और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, पुलिस की रिपोर्ट गलत तथ्यों पर आधारित है, जो सच्चाई और तर्कों से परे हैं।
नेतन्याहू ने कहा, बीते वर्षों में उनके खिलाफ 15 मामलों में जांच हुई हैं लेकिन उनका कोई नतीजा नहीं निकला। इस बार भी ऐसा ही होगा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले भी आरोपों को बेबुनियाद बताते रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोस्तों से उपहार लेने में कुछ भी गलत नहीं है। कहीं से भी इसे अवैध कृत्य नहीं कहा जा सकता।
आरोप है कि इजरायली अरबपति मिचान से नेतन्याहू को उपहारों का जो लेन-देन हुआ, उससे मिचान को कर चुकाने में राहत मिली। एक अन्य मामले में अखबार मालिक अर्नन मोजेस से कवरेज के मामले में लाभ उठाने का आरोप नेतन्याहू पर है। पुलिस ने फिलहाल अपनी रिपोर्ट अटार्नी जनरल के पास भेज दी है। वह फैसला करेंगे कि नेतन्याहू के खिलाफ जांच आगे बढ़नी चाहिए या नहीं।
टाटा ने आरोप को गलत बताया-
भारत में स्थित टाटा के कार्यालय ने इजरायली मीडिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह गलत बताया है। बयान में कहा गया है कि टाटा की इजरायली अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी लेकिन उसके विचारणीय बिंदु अलग थे।