बिलासपुर की प्यास बुझाने के लिए अहिरन से खारंग तक बिछेगी पाइपलाइन
रायपुर। प्रदेश का जल संसाधन (सिंचाई) विभाग बिलासपुर शहर की प्यास बुझाने के लिए अहिरन और खारंग नदियों को जोड़ने की 322 करोड़ की योजना लेकर आ रहा है। योजना का डीपीआर तैयार हो चुका है और इसे इस साल के बजट में शामिल किया गया है। बजट पास होते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दावा है कि इसी साल दोनों नदियों को पाइपलाइन से जोड़ दिया जाएगा। अहिरन का पानी मिलने से खूंटाघाट जलाशय में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी जिससे बिलासपुर में पेयजल की सप्लाई की जा सकेगी। इससे कोरबा जिले के पाली तहसील में 1500 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी होगी।
हसदेव कछार बिलासपुर के चीफ इंजीनियर एसके अवधिया ने बताया कि खारंग में पानी की आवक कम होने से खूंटाघाट जलाशय में उतना पानी नहीं आ रहा है कि बिलासपुर को सप्लाई दी जा सके। कटघोरा के पास अहिरन नदी में 9 मीटर ऊंचा बैराज बनाकर नहर के माध्यम से उसे खारंग से लिंक करने की योजना पर सर्वे किया गया है। अहिरन से खारंग तक 44 किलोमीटर नहर का सर्वे किया गया है।
हालांकि विभागीय सचिव के निर्देश पर अब यह देखा जा रहा है कि इसे पाइपलाइन से जोड़ा जाए। पाइपलाइन बिछाने से भूमि अधिग्रहण की दिक्कत कम होगी और इसमें ज्यादा जमीन भी नहीं लगेगी। खारंग में पानी आएगा तो उसे बिलासपुर को देंगे। इस योजना की प्रशासकीय स्वीकृति इसी साल लेने की तैयारी की जा रही है। अगले कुछ महीनों में काम शुरू हो जाएगा।
बिलासपुर में ग्राउंड वाटर का हो रहा उपयोग
बिलासपुर में पेयजल के लिए ग्राउंड वाटर का उपयोग किया जा रहा है जबकि सरफेस वाटर का उपयोग किया जाना चाहिए। वर्तमान में जो नियम हैं उसके तहत भूजल का दोहन नहीं किया जा सकता। खूंटाघाट से बिलासपुर को पानी देने को कहा गया था लेकिन वहां इतना पानी नहीं है। इसलिए खारंग से अहिरन को जोड़ने की योजना बनाई गई है। यह नदियों को जोड़ने की प्रदेश की पहली योजना होगी।