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वक्फ बोर्ड तथा उसकी बेशकीमती जमीनों को लूटा जा रहा- शमीम एहमद खान



उज्जैन। वर्तमान में प्रदेश का वक्फ बोर्ड तथा उसकी बेशकीमती जमीनों को दोनों हाथों से लूटा जा रहा है, जो ये वक्फ बोर्ड की समस्त संपत्तियां मुस्लिम समाज के विकास तथा उनकी उन्नति के लिए सरकार द्वारा बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति चुनकर की जाती है जिसके अंतर्गत बोर्ड अध्यक्ष पूरे प्रदेश में वक्फ कमेटियों, मुतवल्ली प्रबंध समितियों का गठन पारदर्शी साफ एवं ईमानदास मेंबरों को बनाकर उक्त वक्फ बोर्ड को सुचारू रूप से चलाया जा सके। परंतु यदि सरकार पूरे प्रदेश का सर्वे करें तो बड़-बड़ी धांधलियां उजागर हो सकती हैं। 
यह बात तहफ्फुज ए औकाफ मिल्लत ट्रस्ट के डायरेक्टर सामाजिक कार्यकर्ता शमीम एहमद खान ने कही। उन्होंने कहा कि उक्त कमेटियों में जो मुतवल्लियों का प्रबंध करती है यदि मुतवल्ली कमेटी के मेम्बरों की गलत कार्यकलापों पर अंकुश लगाने की कोशिश करता है तो उक्त कमेटी के मेम्बर मुतवल्ली को हटा देते हैं। क्योंकि ये कमेटियों के द्वारा बंदरबाट एवं उनकी कुव्यवस्थाओं का राज फाश न कर सकें। इस बात का उनको आभास हो जाता है। इस कारण अपने मनमर्जी की समितियों का गठन करते हैं। पूरे प्रदेश में जितने भी मुतवल्ली प्रबंध समितियां हैं, ज्यादातर में वक्फ बोर्ड के मेम्बरों के ईशारे पर ही कार्य करते हैं। इनमें से मेम्बरों का समाज से सीधा संपर्क ही नहीं रहता और ज्यादातर मेंबरों को मुस्लिम समाज की व्यवस्थाओं का ज्ञान ही नहीं रहता और न ये मेम्बर सामाजिक कार्यकर्ता या समाज के साथ कोई कार्य करने में भी सक्षम नहीं रहते हैं। मुस्लिम समाज की इनको पूर्ण रूप से जानकारी भी नहीं होती। इन सब बातों की जानकारी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के संज्ञान में होने के बाद भी इन मुतवल्लियों, प्रबंध समितियों के मेम्बरों को अपनी मनमर्जी का कार्य करने की पूर्ण सहमति वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की ही रहती है। जबकि मुतवल्ली प्रबंध समितियों की जो गाईड लाईन है, जो मध्यप्रदेश शासन ने बना रखी है, एक संपूर्ण बोर्ड होना चाहिये। शमीम एहमद खान ने कहा कुछ जानकारों का कहना है कि मुतवल्ली प्रबंध समितियों का चुना जाना कई शंकाओं को जन्म देता है। प्रबंध समितियों के मेम्बर बनने के लिए कई बार एक मोटी रकम देकर ये मनचाहा पद प्राप्त कर लेते हैं। इसे पूर्व भी शमीम एहमद खान ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के उज्जैन आगमन पर वक्फ बोर्ड से संबंधित एक मेमोरेंडम मुख्यमंत्री को दिया गया था तथा उनसे मांग की गई थी कि तत्काल वक्फ बोर्ड भंग किया जाए। 

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