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ठाकुरजी की बदली दिनचर्या, ओढ़ी रजाई, भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू



प्रदेशभर में सर्दी ने जोर पकड़ लिया है। सभी ने अपना पहनावा और दिनचर्या को बदल लिया है। आप गर्म कपड़ों से लद गए हैं। ऐसे में शहर के आराध्य देव गोविंददेवजी ने भी अपना पहनावा बदल लिया है। शहर के अन्य मंदिराें में भी भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं। अब शहर के प्रमुख मंदिरों में आपको भगवान की झांकियों में प्रभु गहरे रंग के वत्रों , गर्म कपड़ों में नजर आएंगे। ठाकुरजी बसंत पंचमी तक इसी तरह के वस्त्र धारण करेंगे। सर्दी के कारण भगवान पहले जहां सवा 4 बजे जाग जाते थे, अब 5 बजे जागते हैं। प्रभु रात को सो भी जल्दी जाते हैं। शयन की झांकी 8.15 से 8:45 बजे है।

पहनावे के साथ भगवान के भोग-प्रसादी में भी परिवर्तन किया गया है। बाल भोग राजभोग में भी भगवान को गर्म व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है। भगवान को अब सर्दी के मेवे, गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डुओं का भोग अर्पित किया जा रहा है। भोग-प्रसादी में मुख्यतौर पर घी, दूध के साथ ही सोंठ, गोंद मेवा आदि से बने गर्म खाद्यान्नों का भोग लगाया जा रहा है।

ये है झांकी का समय

मंगला झांकी 5 बजे से 5.30 बजे
धूप झांकी 8 बजे से 9.15
श्रृंगार झांकी 10 बजे से 10.45
राजभोग झांकी 11.30 बजे से 12 बजे 

ग्वाल झांकी 5 बजे से 5.30 बजे
संध्या झांकी 6 बजे से 7.15 बजे
शयन झांकी 8.15 बजे से 8.45 बजे

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