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चुनाव में हारी तो महिला प्रत्याशी ने दी जान


कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए निकाय चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने अपनी जमीन बनाए रखी। लेकिन इसमें भाजपा दूसरे नंबर पर आ गई है। हालांकि, इस जीत और हार के बीच एक महिला ने आत्महत्या भी कर ली है। दरअसल यह महिला निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए खड़ी हुई थी लेकिन महज 30 वोटों से हार गई।

खबरों के अनुसार गुरुवार को नदिया जिले के कुपर्स कैंप नगर पालिका की एक महिला निर्दलीय प्रत्याशी ने खुदकुशी कर ली। सुप्रिया नाम की यह प्रत्याशी कुपर्स कैंप नपा के वार्ड नंबर एक से खड़ी हुई थी। नतीजों के बाद इस जैसे ही पता चला कि वह चुनाव हार गई हैं तो परेशान हो उठी।

इसके बाद वह अपने घर में नींद, शुगर और ब्लड प्रेशर की दवा एक साथ खा ली। डाक्टरों का कहना है कि सभी दवा एक साथ खा लेने की वजह से उनकी मौत हुई है। परिजनों का कहना है कि अपमान की वजह से उन्होंने आत्महत्या की है।

2007 में सुप्रिया दे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर पार्षद बनी थीं। 2012 तक वह पार्षद थीं। इसके बाद 2013 में वह तृणमूल में शामिल हो गईं। परंतु, इस बार उन्हें तृणमूल ने टिकट नहीं दिया। इसके बाद वह निर्दलीय के रूप में एक नंबर वार्ड से चुनाव लड़ीं। जब मतगणना पूरी हुई तो तृणमूल प्रत्याशी अशोक सरकार से मात्र 30 वोटों के अंतर से हार गईं।

इसके बाद मतगणना केंद्र से घर लौटने के बाद नींद, शुगर व ब्लड प्रेशर की दवा एक साथ खा ली। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों ने देखा कि उनके बेड के नीच दवाओं के खाली पैकेट पड़ा है। इसके बाद तत्काल उन्हें राणाघाट महकमा अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने कल्याणी जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल रेफर कर और उनकी मौत हो गई।

परिजनों का कहना है कि चुनाव हारने के बाद तृणमूल के विजयी प्रत्याशी के समर्थकों ने उनके घर के निकट आकर कटाक्ष किया था जिससे वह हताश हो गई थीं और इसी अपमान से परेशान हो कर उन्होंने एक साथ सब दवा खाकर जान दे दी है।

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