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अब तक स्वाइन फ्लू के 37 मरीज मिले


 

प्रदेश में एक जुलाई से 16 अगस्त तक एच-1 एन-1 के 221 संदिग्ध मरीजों के सेम्पल जाँच के लिये भेजे गये। इनमें से 195 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। सैंतीस मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। छब्बीस सेम्पल की रिपोर्ट आना शेष है। वर्तमान में शासकीय अस्पतालों में 13 और निजी अस्पताल में 8 मरीज उपचाररत हैं। यह जानकारी आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा एच-1 एन-1 संक्रमण, मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया की प्रभावी रोकथाम के लिये की जा रही दैनिक समीक्षा में दी गयी।

बैठक में चिकित्सकों को निर्देश दिये गये कि जन-साधारण को संक्रमण के विरुद्ध जागरूक करें। बचाव ही उपचार है। सर्दी-खाँसी आने पर रूमाल या टिशु पेपर का उपयोग करें। टिशु पेपर उपयोग के बाद डस्टबिन में ही डालें। खाँसने वाले से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाये रखें। पीड़ित व्यक्ति इस बात का ध्यान रखें कि खाना खाते समय ही मुँह में हाथ लगायें और किसी से हाथ न मिलायें। नाक, मुँह या आँखों का स्पर्श करने पर साबुन से हाथ धोएँ, यथा-संभव भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।

नमक के गुनगुने पानी या लिस्ट्रिन से गरारे करें। गर्म तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें। संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करें। विटामिन-सी जैसे नींबू, आँवला, संतरा आदि का अधिक से अधिक सेवन करें। दिन में कम से कम एक बार जल-नेति/सूत्र-नेति से नाक साफ करें। यह संभव न हो तो नाक को जोर से छींकते हुए रुई के फोहे को नमक के गर्म पानी में भिगोकर नासिका द्वारों को साफ करें। यदि विटामिन-सी की टेबलेट लेते हैं तो ध्यान रखें, उसमें जिंक शामिल हो। जिंक वाली विटामिन-सी की टेबलेट का सेवन करने से शरीर द्वारा विटामिन-सी का अवशोषण किया जा सकेगा।

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