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देश में पहली बार चारों प्रमुख पदों पर भाजपा


 
संदीप कुलश्रेष्ठ
        उप राष्ट्रपति के पद पर भाजपा के श्री एम. वेंकैया नायडु के विजयी घोषित होने के बाद देश के चारों प्रमुख पदों पर भाजपा का कब्जा हो गया है। अब प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति के साथ ही उप राष्ट्रपति के प्रमुख संवैधानिक पद पर भी भारतीय जनता पार्टी का देश में पहली बार शासन हो गया है। 
                     सन 2014 में प्रधानमंत्री के पद पर श्री नरेंद्र मोदी के चुने जाने के बाद से शुरू हुई यह यात्रा सतत जारी है। प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगी के रूप में श्री अमित शाह का चयन कर उसे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बैठाया । उसके बाद दोनों की संयुक्त रणनीति और कूटनीति के कारण भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति , लोकसभा अध्यक्ष और उप राष्ट्रपति के पद को पाने में भी सफल हो गई। 
लोकसभा अध्यक्ष के पद पर श्रीमती सुमित्रा महाजन - 
                  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमत्री बनने के बाद सबसे पहला काम यह किया कि एक प्रमुख संवैधानिक लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती सुमित्रा महाजन को विजयी बनवाया । कूटनीति के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण बात रहती है कि जरूरत पड़ने पर और संकट के समय लोकसभा अध्यक्ष का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस पद पर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती सुमित्रा महाजन का चुना जाना अपने आप में ऐतिहासिक था। 
राष्ट्रपति पद पर श्री रामनाथ केविंद का चुना जाना -
                   गुजरात के ऊना की घटना के बाद एक के बाद एक अनेक घटनाएँ देश में ऐसी घटित हुई जिससे देश में यह संदेश जाने लगा कि भाजपा दलित विरोधी है। दलितों पर हो रहे अत्याचार और शोषण पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय नेता के मौन रहने पर भी चारों और सवाल उठाए जाने लगे थे। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने दूर की सोची । उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर भाजपा के ही श्री रामनाथ कोविंद को विजयी बनाकर यह संदेश दिया कि भाजपा दलितों के हित में है। भाजपा की इस कूटनीति ने अपना काम भी कर दिखाया। देश में चारों और यह सह संदेश गया कि केवल कहने भर से ही नहीं, बल्कि भाजपा दलितों के हित में कुछ करने में विश्वास करती है। इसके सकारात्मक परिणाम निकले भी , जो भाजपा के ही पक्ष में गए।
श्री एम. वेंकैया नायडु का उप राष्ट्रपति पद पर विजयी होना - 
                    देश के तीन शीर्ष पदों प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति के पद पर भाजपा के व्यक्तियों के बैठे जाने के बाद उप राष्ट्रपति के पद पर भी भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री एम. वेंकैया नायडु को चुनने के पीछे भी भाजपा की दूरदृष्टि है। दक्षिण से श्री एम. वेंकैया नायडु को चुनकर भाजपा ने वहाँ अपनी पेठ बनाने की कोशिश की है। इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और श्री अमित शाह सफल भी हुए हैं। 
                     देश के चारों शीर्ष संवैधानिक पदों पर भाजपा के व्यक्तियों के चुने जाने में एक संयोग यह भी जुडा है कि चारों व्यक्ति भाजपा में आने के पूर्व आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। चारों की अपनी-अपनी पृष्ठभूमि भी रही है। देश की आजादी के 70 साल बाद आज पहली बार ऐसी स्थिति आई है कि भाजपा और संघ  की ही पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति चारों संवैधानिक पदों पर चुने गए हैं। 
 
                   

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