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फॉर्चून 500 में 40 प्रतिशत एशियाई कंपनियों में भारत की 7 कंपनियां शामिल


 फॉर्चून ग्लोबल 500 की लिस्ट में इस बार एशियाई कंपनियों का कब्जा है। कंपनियों के पिछले साल के राजस्व के आधार पर इस सूची में उन्हें स्थान दिया जाता है। एशिया महाद्वीप से इस लिस्ट में 197 कंपनियां शामिल हुई हैं, जबकि उत्तर अमेरिका से 145, यूरोप से 143 कंपनियां ही इस सूची में जगह बना पाई हैं। अगर बाकी दुनिया की बात करें, तो महज 15 कंपनियां ही इस सूची में जगह बना पाई हैं।

इस सूची में एक और साख बात सामने आई है। फॉर्चून 500 में एशिया की 40 फीसद कंपनियों सहित भारत की सात कंपनियां इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रही हैं। हालांकि, भारत की 7 कंपनियों में से केवल एक कंपनी इंडियन ऑइल ही टॉप 200 में जगह बना पाई है।

फॉर्चून ग्लोबल 500 में जगह बनाने वाली अन्य भारतीय कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज (203), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (217), टाटा मोटर्स (247), राजेश एक्सपोर्ट्स (295), भारत पेट्रोलियम (360) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (384) शामिल हैं।

वहीं, लिस्ट में शामिल सबसे ज्यादा कंपनियों वाले देश की बात करें, तो अमेरिका अभी भी 132 कंपनियों के साथ इस मामले में पहले नंबर पर है और 109 कंपनियों के साथ चीन दूसरे नंबर पर है। लिस्ट में 51 कंपनियों के साथ एशियाई देश जापान तीसरे नंबर पर है। जबकि अन्य एशियाई देशों की बात करें, तो दक्षिण कोरिया की 15 कंपनियां और भारत की सात कंपनियां फॉर्चून ग्लोबल 500 में जगह बना पाने में सफल रही हैं।

सबसे ज्यादा रेवन्यू कमाने के मामले में वॉलमार्ट पहले नंबर पर है। इसके बाद अगले तीन पायदानों पर चीन की उर्जा क्षेत्र की कंपनियां स्टेट ग्रिड, सिनोपेक और चाइना पेट्रोलियम ने जगह बनाई है।

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