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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न आहरण संवितरण अधिकारी व कर्मचारी हुए प्रशिक्षित


 
 राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर एकदिवसीय कार्यशाला गुरूवार को सम्पन्न हुई। स्थानीय पॉलिटेक्निक कॉलेज सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में जिले के आहरण संवितरण अधिकारी तथा लेखा शाखा से जुड़े कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर प्रशिक्षित किये गये। प्रशिक्षण भोपाल से आये आईआरडीए के श्री केडब्ल्यू श्रीवास्तव द्वारा दिया गया। इस दौरान वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्री हरिनारायण सिंह तथा सहायक कोषालय अधिकारी श्री दिलीप सोनी भी उपस्थित थे। कार्यशाला में लगभग 350 अधिकारी-कर्मचारी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला में राष्ट्रीय पेंशन योजना की जानकारी में बताया गया कि यह योजना एक जनवरी 2004 से लागू एक परिभाषित अंशदान पेंशन योजना है। इसमें प्रत्येक अभिदाता के एनपीएस खाते को एक अद्वितीय 12 अंकीय स्थाई सेवा निवृत्ति खाता संख्या (प्रान) के माध्यम से पहचाना जाता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10 प्रतिशत कर्मचारी के प्रान में हर महीने अंशदान करते हैं। इसमें पेंशन राशि सेवा निवृत्ति के समय तक जमा होती है और खाता रख-रखाव की लागत कम होने के कारण जमा पेंशन राशि का संभावित लाभ ज्यादा होगा। यह योजना एक जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिये अनिवार्य है। कार्यशाला में आहरण संवितरण अधिकारियों को बताया गया कि इस योजना में उनकी भूमिका और उत्तरदायित्व महत्वपूर्ण है। कर्मचारी का सेवा में जुड़ते ही पंजीकरण फार्म को संग्रह करना, उसे अग्रेषण करना, पंजीकरण प्रपत्र को अग्रेषित करने से पहले उसकी ठीक से यह जांच करना कि नाम सेवा रिकार्ड के अनुसार हो, शामिल होने जोड़ने की तिथि, जन्म तारीख, फोन नम्बर, ई-मेल आईडी, नामांकन विवरण की जांच कर उसकी सत्यता सुनिश्चित करना। डीडीओ को यह भी सुनिश्चित करना है कि हरेक माह की 20 तारीख तक उसे ईएओ तक पहुंच जाये। नामांकन परिवर्तन तथा अन्य व्यक्तिगत विवरण जैसे- डेटा में संशोधनों से सम्बन्धित अभिदाता के अनुरोध को संभालना आदि उसके महत्वपूर्ण उत्तरदायित्वों में सम्मिलित हैं।
आहरण संवितरण अधिकारियों को बताया गया कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि संलग्न केवाईसी दस्तावेज और बैंक के विवरण अभिदाता के रिकार्ड के साथ मिलता है या नहीं। शिकायत प्रबंधन के तहत शिकायतों को हल करने के लिये सम्बन्धित पीएओ को समस्या के बारे में बताना। यदि वे उस शिकायत को हल करने में असमर्थ हैं तो उनके द्वारा प्राप्त शिकायतों को अग्रेषित करना। सीआरए (केन्द्रीय अभिलेखन एजेन्सी) सिस्टम में लॉगइन सुविधा डीडीओ को भी दे दी जाती है, जिसे अधिक प्रभावी इंटरफेस के लिये उपयोग किया जा सकता है। डीडीओ द्वारा उपयोगकर्ता की आईडी और पासवर्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया कि डीडीओ उपयोगकर्ता की आईडी और आई-पिन (पासवर्ड) का उपयोग कर सीआरए सिस्टम में प्रवेश (लॉगइन) कर सकते हैं। सीआरए सिस्टम में डीडीओ की स्थिति सक्रिय होना चाहिये। डीडीओ को सीआरए द्वारा आवंटित पंजीकरण संख्या के बाद 00 लगाकर उपयोगकर्ता की आईडी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। डीडीओ सीआरए सिस्टम (www.cra-nsdl.com) में तत्काल रीसेट विकल्प के माध्यम से एक अनुरोध प्राप्त करके और उनसे सम्बन्धित नोडल कार्यालय द्वारा अधिकृत होने पर अपने आई-पिन को प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यशाला में पासवर्ड उत्पन्न करने या प्राप्त करने की प्रक्रिया भी समझाई गई। इसके अलावा अभिदाताओं के लिये प्रपत्र, एनपीएस अभिदाता के अंशदान के फाईल को अपलोड करने की प्रक्रिया, निधि प्रेषण के अस्वीकृति के कारण, अनिवार्य नामांकन, मृत्यु अथवा पूर्व परिपक्व व सेवा निवृत्ति होने पर निकासी, निकास से पहले एनपीएस से आंशिक निकासी आहरण, ऑनलाइन निकास प्रक्रिया, ऑनलाइन निकास अनुमोदन, डिफाल्ट वार्षिकी, सीजीएमएस के रैफरल, ऑनलाइन शिकायत व पूछताछ करने आदि की विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण में दी गई। 

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