top header advertisement
Home - उज्जैन << मनुष्यों को अपनी शारीरिक संरचना एवं उसकी कार्यक्षमताओं की जानकारी बीमारी का निदान करने के लिये होना आवष्यक है।

मनुष्यों को अपनी शारीरिक संरचना एवं उसकी कार्यक्षमताओं की जानकारी बीमारी का निदान करने के लिये होना आवष्यक है।


उज्जैन/ मधुमेह की बीमारी को पथ्य-परहेज एवं आयुर्वेदिक दवाईयों से ठीक किया जा सकता है। इसके लिये मनुष्यों को अपनी शारीरिक संरचना एवं उसकी कार्यक्षमताओं की जानकारी बीमारी का निदान करने के लिये होना आवष्यक है।
उक्त जानकारी इन्दौर के मधुमेह विषेषज्ञ अमित गुप्ता ने ‘‘हम सब’’ संस्था द्वारा पितृ पुरूष स्वर्गीय रमाकांतजी ठाकुर की पुन्यस्मृति में आयोजित निःषुल्क मार्गदर्षन षिविर  ‘‘मधुमेह से मुक्ति संभव है’’ विषय पर उपस्थित षिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। षिविरार्थियों के प्रष्नों एवं शंकाओं का समाधान करते हुये मधुमेह की बीमारी के विविध पक्षों पर विस्तृत प्रकाष डाला।
आहार विषेषज्ञ मुकेष मेहता ने इस अवसर पर आहार संबंधी ज्ञानवर्धक जानकारी दी। 
अध्यक्षीय उद्बोधन में सार्वभौम मानव विकास संस्थान के अध्यक्ष आचार्य शैलेन्द्र पाराषर ने कहा कि प्रकृति ने हमें सौ वर्ष तक जीवन जीने की शक्तियाँ दी हैं। हम अज्ञानतावष शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते हैं। अतः शरीर को नैसर्गिक तरीकों से स्वस्थ रखने का प्रयत्न अवष्य करना चाहिये। भारतीय चिकित्सा पद्धति में नैसर्गिक रूप में बीमारी से स्वस्थ रहने के अनेक प्रमाणितसूत्र बताए गए हैं।
सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा स्वर्गीय रमाकांतजी ठाकुर के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत सर्वश्री आर.एस. चौहान, दिनेष विजयवर्गीय, पारास जैन, सुरेन्द्र सर्किट, श्रीमती नलिनी पाराषर, श्रीमती शोभा खांमगावकर, श्रीमती ममता जैन, श्रीमती कृष्णा ठाकुर, श्रीमती सीमा ठाकुर आदि ने किया। 
कार्यक्रम का संचालन कुषाग्र ठाकुर ने किया एवं आभार सुरेन्द्र सर्किट ने माना 

Leave a reply