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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ली मैराथन वीसी


 

ऑनलाइन दिखेगी जिलों में जन-समस्याओं के निराकरण की स्थिति

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में रतलाम, शाजापुर व आगर जिले अव्वल

      उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मैराथन वीडियो कॉन्फ्रेंस लेते हुए राजस्व विभाग के कार्यों के सम्बन्ध में निर्देश दिये। अब ‘सीएम डेशबोर्ड’ के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में जन-समस्याओं के निराकरण की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को भी अपने ऑनलाइन डेशबोर्ड बनाने तथा योजनाओं व शिकायत निवारण की समीक्षा प्रतिदिन करने के निर्देश वीसी में दिये। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण में संभाग के रतलाम, शाजापुर एवं आगर जिले अव्वल पाये गये हैं। इस दौरान उज्जैन स्थित एनआईसी कक्ष में संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार भार्गव, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप जीआर, निगम आयुक्त डॉ.विजय कुमार जे, सभी एसडीएम, संभागीय अधिकारी तथा राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

      मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण की समीक्षा में बताया गया कि संभाग के रतलाम जिले में लेवल-4 पर मात्र 01, शाजापुर में 16 तथा आगर जिले में 19 प्रकरण लम्बित हैं। ये जिले सीएम हेल्पलाइन शिकायत निवारण में प्रदेश में अव्वल हैं। बताया गया कि अब रेवेन्यू कोड मॉनीटरिंग सिस्टम के तहत राजस्व प्रकरणों का निराकरण तेजी से होगा। लोक सेवाओं के प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत 199 सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राजस्व कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि राजस्व कार्यों के निराकरण में लापरवाही अब बिलकुल नहीं चलेगी। उन्होंने पूछा कि ऋण पुस्तिका की नकल प्रदाय में 45 दिन की समयावधि क्यों है? अविवादित बंटवारे में समय-सीमा 90 दिन क्यों है? मुख्यमंत्री ने समय-सीमा कम किये जाने के निर्देश दिये। राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की भरमार को देखते हुए तेजी से निराकरण करने के निर्देश दिये। प्रदेश के 22 राजस्व न्यायालयों में चालू राजस्व वर्ष में एक भी प्रकरण निराकृत नहीं पाया गया। इसमें उज्जैन संभाग के रतलाम जिले का अपर कलेक्टर न्यायालय भी शामिल है। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की।

उज्जैन संभागायुक्त ने बताया कि उज्जैन संभाग में 60 प्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। सर्वाधिक 68 प्रतिशत निराकरण आगर जिले में हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

      वीसी में उज्जैन संभाग के शाजापुर, देवास तथा आगर जिलों में डायवर्शन प्रकरणों के निराकरण की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। इस सम्बन्ध में शाजापुर कलेक्टर को मुख्यमंत्री ने खासतौर पर हिदायत दी। राजस्व वसूली में संभाग के उज्जैन, नीमच, शाजापुर व रतलाम जिले पिछड़े पाये गये। चालू वित्तीय वर्ष में इन जिलों में 5 प्रतिशत से भी कम वसूली हुई है।      

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