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वर्षा के दौरान जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के होंगे पुख्ता इंतजाम कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने बैठक में आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की


 इस वर्षा सत्र के दौरान उज्जैन जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के इंतजाम चाक-चौबन्द रहेंगे। सम्बन्धित विभागों ने अपनी तैयारियां समय-सीमा में पूरी की हैं। इस सम्बन्ध में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक मंगलवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने तैयारियों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में निगम आयुक्त डॉ.विजयकुमार जे, एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी, संयुक्त कलेक्टर श्री केके रावत, जिला होमगार्ड कमांडेंट श्री सुमत जैन, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री आरके वाइकर, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी तथा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि वर्षा के दौरान अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित स्थान चिन्हित किये जा चुके हैं। शहरी तथा मैदानी क्षेत्र में सम्बन्धित व्यक्तियों के दूरभाष नम्बर संकलित किये जाकर पुख्ता कम्युनिकेशन प्लान तैयार किया गया है। बाढ़ की स्थिति में जरूरी उपकरण तथा मशीनों का इंतजाम भी पूरा हो गया है। राहत कार्यों की स्थिति में उन भवनों और स्थानों को चिन्हांकित किया गया है, जहां लोगों को ठहराया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग करेगा दवाईयों तथा एम्बुलेंस का इंतजाम
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति में जरूरी दवाईयों, ओआरएस घोल, प्राथमिक चिकित्सा तथा चिन्हांकित स्थानों पर एम्बुलेंस का इंतजाम किया जायेगा। इसकी पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने सर्पदंश उपचार हेतु एंटीवेनम इंजेक्शनों की उपलब्धता भी सभी चिकित्सालयों में सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही पशु चिकित्सा विभाग को पशुओं का जरूरी टीकाकरण करने के निर्देश भी दिये गये।
विभिन्न स्तरों पर कंट्रोल रूम बनाये जायेंगे
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि वर्षा के मौसम में विभिन्न स्तरों पर कंट्रोल रूम की स्थापना जिले में की जाये। जिला मुख्यालय के अलावा नगर पालिकाओं, जनपद पंचायतों आदि संस्थाओं में कंट्रोल रूम बनाकर अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती की जाये। कंट्रोल रूम पर सभी सम्बन्धित व्यक्तियों, संस्थाओं के दूरभाष नम्बरों की सूची उपलब्ध रहे। अमले की चौबीस घंटे तैनाती की जाये।
उपकरणों व राहत सामग्री के सम्बन्ध में निर्देश
कलेक्टर ने बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में काम आने वाले सभी वाहनों, जरूरी उपकरणों व राहत सामग्रियों का पूर्व इंतजाम करने, वाहनों की संचालन के लिये दक्ष ऑपरेटर्स व ड्रायवर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा की स्थिति में भारी क्षमता की क्रेन्स, जेसीबी, पोकलेन मशीन, ट्रेक्टर्स, मोटर बोट, नाव इत्यादि की उपलब्धता रहे। कम से कम 40 से 50 टन क्षमता की क्रेन की व्यवस्था की जाये। इनको चलाने के लिये दक्ष ड्रायवर का इंतजाम रहे।
सड़कों, नदी, नालों पर संकेतक लगायें
संकेतक नहीं लगाये तो कार्यवाही
बैठक में कलेक्टर द्वारा जिले के नदी, नालों पर आवश्यक सूचनाएं प्रदर्शित करने के लिये संकेतक लगाने व चिन्हांकित स्थानों पर बैरिकेटिंग के निर्देश लोक निर्माण विभाग तथा पंचायतों को दिये गये। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि यदि संकेतक नहीं लगाये गये तो सम्बन्धित एजेन्सी पर कार्यवाही की जायेगी। यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि वर्षा के दौरान पुल-पुलियाओं पर पानी की स्थिति में वाहन पार न निकलें। इस सम्बन्ध में कलेक्टर ने सभी एसडीएम तथा आरटीओ को बस ऑपरेटर्स के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। शिक्षा विभाग को खासतौर पर स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर यह दिशा-निर्देश प्रसारित करने को कहा गया कि बच्चों की बसें व अन्य वाहन पानी भराव के दौरान पार नहीं जायें। जरूरी होने पर पुल-पुलियाओं में लकड़ी के पुल (बर्मा ब्रिज) लगाने, बाढ़ग्रस्त नदी-नालों पर आमजन को जाने से रोकने के लिये 50 से 100 मीटर की दूरी पर चेतावनी बोर्ड लगाने तथा होमगार्ड व पुलिस जवानों की इस दौरान पुल-पुलियाओं पर तैनाती के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने जिले में कैमिकल से भरे वाहनों की पार्किंग भी ‘नोमैन्स लैण्ड’ क्षेत्रों में कराने के निर्देश सभी एसडीएम को दिये।
विद्युत वितरण कंपनी खंबों की मरम्मत करे
कलेक्टर ने वर्षा के दौरान किसी भी हादसे से बचाव के लिये बिजली के खंबों की मरम्मत करने व लटके तारों की दुरूस्ती के निर्देश विद्युत वितरण कंपनी को दिये। उन्होंने संकेतकों के आसपास के पेड़ों की कटाई-छंटाई करने को कहा, ताकि दूर से ही संकेतकों पर अंकित जानकारी समझ में आ जाये।
सूचनाओं का त्वरित प्रसार
बताया गया कि वर्षा के दौरान आपदा से बचाव के लिये सूचनाओं के त्वरित प्रसार की व्यवस्था जिले में की गई है। मौसम विभाग की सूचना अनुसार भारी वर्षा की चेतावनी के स्थिति में जरूरी प्रबंधन व जानकारियां नीचले स्तर तक पहुंचाने के लिये सुनियोजित व्यवस्था रहेगी। जिले में गठित बचाव दल सतत मूवमेंट करेंगे। कलेक्टर ने आपदा की स्थिति में जनप्रतिनिधियों, वार्ड पार्षदों, पंचों, सरपंचों के साथ एवं समन्वय के निर्देश दिये। उन्होंने राहत कार्य की स्थिति में सर्वेक्षण दलों के तत्काल मौके पर पहुंचने व रिपोर्ट प्रस्तुति समय-सीमा में करने की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया। फसल नुकसानी की स्थिति में कृषि, राजस्व तथा पंचायत कर्मचारी के संयुक्त दल द्वारा कार्य करने, बाढ़ की स्थिति में नदी-नालों पर लोगों को बाढ़ देखने आने से रोकने व जल संरचनाओं पर सूचना सिस्टम स्थापित करने के निर्देश भी दिये। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में स्टापडेम या अन्य जल संरचनाओं का पानी सूचना देकर ही छोड़ा जायेगा।
खाद्य आपूर्ति विभाग को खाद्यान्न व राशन सामग्री व्यवस्था के निर्देश
कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिये कि वर्षा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के तहत पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, केरोसीन, शकर, नमक इत्यादि सामग्री का इंतजाम रखे। जिले में विभिन्न स्थानों पर डीपो बनाकर सामग्रियां भण्डारित की जायें। राहत कार्यों की स्थिति में सेवाभावी एवं अशासकीय संगठनों का सहयोग भी लिया जाये। ऐसे संगठनों, संस्थाओं, व्यक्तियों के दूरभाष नम्बर अपने पास रखे जायें।
फिल्टर पानी का इंतजाम
कलेक्टर ने वर्षा के मौसम में दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिये स्थानीय निकायों तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान लोगों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हेतु पूर्व से तैयारी की जाये। विभाग इस दौरान समय-समय पर पानी के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण कराने की व्यवस्था करेंगे। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि वर्षा के दौरान यदि किसी ग्राम से ज्यादा मरीजों के सूचना आती है तो तत्काल उस गांव में चिकित्सा दल भेजे जाने की व्यवस्था अभी से की जाये। जल संसाधन विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जल संरचनाओं पर खतरे के निशान की जानकारियां सम्बन्धित अन्य विभागों को भी उपलब्ध करायें।
आपदा प्रबंधन पर एक कार्यशाला 22 अगस्त को
बैठक में बताया गया कि जिला मुख्यालय पर बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिये एक कार्यशाला पुन: आगामी 22 अगस्त को आयोजित की जाने वाली है। इस कार्यशाला में सम्बन्धित विभागों के अमले सहित जिलेभर के कोटवार भी सम्मिलित होंगे। इसके पूर्व विगत दिनों एक कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है।
शिप्रा नदी पर बचाव व्यवस्था
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि उज्जैन में शिप्रा नदी पर अतिवृष्टि या बाढ़ के दौरान किसी भी हादसे से बचने के लिये सुनियोजित ढंग से बचाव व्यवस्थाएं की जायें। उन्होंने कहा कि नदी के प्रत्येक घाट पर लोग नहीं पहुंचें। प्राय: नदी के विभिन्न घाटों पर युवा तैराकी अथवा जलक्रीड़ा के लिये पहुंचते हैं। विकट स्थिति में यह खतरनाक हो सकता है, इसलिये इस कार्य के लिये नदी के स्थान विशेष चिन्हांकित कर वहां पहुंचने से लोगों को रोका जाये। इसके लिये नगर निगम को आवश्यक संकेतक व बैरिकेट लगाने तथा सुरक्षा गार्ड तैनाती के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये।
हैलीपेड निर्माण तैयारी में विलम्ब पर अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने पाया कि जिले में विभिन्न स्थानों पर आपदा प्रबंधन के तहत हैलीपेड निर्माण तैयारियों में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है। आवश्यक तैयारी नहीं की गई है। कलेक्टर द्वारा इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त की जाकर लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभागों के कार्यपालन यंत्रियों को शोकाज नोटिस जारी करने तथा उनकी दो-दो वेतन वृद्धियां रोकने के निर्देश दिये गये। सम्बन्धित अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को भी शोकाज नोटिस के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही इस सम्बन्ध में कार्य नहीं करने वाले उपयंत्रियों को निलम्बित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। बताया गया कि जिले में आपदा प्रबंधन के तहत 15 स्थानों पर हैलीपेड निर्माण किये जाना हैं।

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